रामपाल जाट की पहल पर सरकार का बड़ा फैसला : पीली मटर आयात पर 10% टैक्स, दाल किसानों को राहत की उम्मीद
Source : business.khaskhabar.com | Nov 02, 2025 | 
जयपुर। पीली दाल (मटर ) के आयात पर 10% मानक दर एवं 20% एआइडीसी दर 1 नवंबर से प्रभावी होने की अधिसूचना 29 अक्टूबर 2025 को प्रसारित की है। इससे अरहर एवं चना जैसी दलों के मूल्यो में गिरावट रुकने की संभावना बनेगी। देश के किसानों की ओर से किसान महा पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के द्वारा उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका प्रस्तुत की थी, जिसमें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की पीठ न्यायमूर्ति सूर्यकांत, उज्जल भुयान एवं नोगमीकापम कोटेश्वर सिंह ने 25 सितंबर 2025 को संज्ञान लेने के उपरांत भारत सरकार से जवाब मांगते हुये आगामी 28 नवंबर 2025 को सुनवाई हेतु नियुक्त की है। इसके पूर्व भारत सरकार संशोधन संबंधी यह आदेश पारित किया।
अभी तो इन दलहन उपजों को घोषित ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ से कम दामों में बेचने के लिए उत्पादक किसानों को विवश होना पड़ रहा है। अभी बाजार में अरहर के भाव ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ से 27 प्रतिशत कम हैं। जब चना की पैदावार आएगी तो उसकी भी ऐसी दुर्गति रहती है। इस प्रकरण में ‘एग्री फार्मर्स एवं ट्रेडर्स एसोसिएशन’ ने भी सरकार से मिलकर मांग उठाई थी तथा इस संबंध में उन्होंने पत्रकार वार्ता में भी इस संदर्भ में आग्रह किया था। यह स्थिति तो तब है जब भारत सरकार एक से अधिक अवसरों पर किसी भी किसान को घोषित ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ से कम दामों में अपनी उपज बेचने के लिए विवश नहीं होने संबंधी वक्तव्य संसद में दे चुकी है। भारत सरकार ने 31 मार्च 2024 को अरहर, उड़द एवं मसूर की ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ पर शत प्रतिशत दाने-दाने की खरीद का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। किंतु चना एवं मूंग पर कुल उत्पादन में से 25 % से अधिक नहीं खरीदने का प्रतिबंध यथावत रखा हुआ है। जो भारत सरकार की दलहनों में देश को आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा के विपरीत है।
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