ग्रीन पिचका मटर ढाई माह में 32 रुपए प्रति किलो उछली
Source : business.khaskhabar.com | Mar 13, 2024 | 

-:पैदावार कम होने से जल्द ही 100 रुपए किलो के पार जा सकती हैं कीमतें
जयपुर। पैदावार कम होने तथा उपभोक्ता मांग निकलने से स्थानीय थोक मंडियों में ग्रीन पिचका मटर के भाव इन दिनों निरंतर उछल रहे हैं। करीब ढ़ाई महीने पहले 38 रुपए प्रति किलो बिक रही पिचका मटर वर्तमान में महंगी होकर 70 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। यानी ग्रीन पिचका मटर दो-ढ़ाई माह के दौरान 32 रुपए प्रति किलो महंगी हो गई है, जो कि एक रिकार्ड है। स्थानीय राजधानी कृषि मंडी कूकरखेड़ा स्थित रोहित ब्रोकर एजेंसी के महेश चंद गुप्ता ने बताया कि इस बार पिचका मटर का उत्पादन काफी घट गया है। वर्तमान में बीज वालों की डिमांड निकलने से पिचका मटर में और तेजी के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि पिचका मटर के भाव जल्द ही 100 रुपए प्रति किलो को पार कर सकते हैं। फिलहाल नई पिचका मटर की कीमतें 105 रुपए प्रति किलो चल रही हैं। भारत में मटर 7.9 लाख हैक्टेयर भूमि में उगाई जाती है। इसका सालाना उत्पादन 8.3 लाख टन एवं उत्पादकता 1029 किलो प्रति हैक्टेयर हे। इसका उत्पादन सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट, मध्य प्रदेश एवं बिहार आदि राज्यों में होता है। मटर उत्पादन में उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अव्वल है। यहां के किसान हर साल बंपर मटर का उत्पादन करते हैं। देश के कुल मटर उत्पादन में उत्तर प्रदेश का करीब 48 प्रतिशत योगदान है। यहां की मिट्टी और जलवायु मटर की खेती के लिए बेहतर मानी जाती है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश मटर के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। गुप्ता ने बताया कि इस साल पिचका मटर का उत्पादन 35 फीसदी से ज्यादा नहीं है। लिहाजा पिचका मटर का भविष्य आगे तेजी का ही रहेगा। गौरतलब है कि दो ढाई महीने पहले कनाड़ा से आयात होने वाली सफेद मटर की कीमतों में जोरदार गिरावट दर्ज की गई थी। परिणामस्वरूप ग्रीन पिचका मटर के भाव भी बीते दिसंबर के अंतिम सप्ताह में 38 रुपए प्रति किलो रह गए थे।
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