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अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की कड़क चाय व छोले भटूरे के प्रति दीवानगी से गौतम अदाणी चकित

Source : business.khaskhabar.com | July 17, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 gautam adani surprised by us ambassador eric garcettis passion for strong tea and chhole bhature 654220अहमदाबाद।  अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने मंगलवार को कहा कि वह भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी द्वारा भारतीय संस्कृति को अपनाने और कड़क चाय पीने से लेकर छोले भटूरे के प्रति उनकी दीवानगी को देखकर आश्चर्यचकित हैं।


इससे पहले दिन में, गार्सेटी ने गुजरात में अदाणी समूह की खावड़ा अक्षय ऊर्जा केंद्र का दौरा किया। उन्होंने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि अदाणी समूह भारत को कार्बन मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, गौतम अदाणी ने कहा कि वह अमेरिकी राजदूत के खावड़ा में उनके समूह की 30 गीगावाट अक्षय ऊर्जा केंद्र और मुंद्रा पोर्ट के दौरे के लिए आभारी हैं।

गौतम अदाणी ने कहा, "इस दौरान अमेरिकी राजदूत ने भू-राजनीति, एनर्जी ट्रांजिशन और भारत-अमेरिकी संबंधों पर खुल कर बात की।"

उन्होंने कहा, " अमेरिकी राजदूत का कड़क चाय पीने, होली मनाने, क्रिकेट खेलने, हिंदी में बोलने, रोज छोले भटूरे खाने व भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम अद्भुत है।"

अदाणी समूह गुजरात के कच्छ में खावड़ा में 538 वर्ग किलोमीटर बंजर भूमि पर 30 हजार मेगावाट की दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा परियोजना विकसित कर रहा है। यह पेरिस के क्षेत्रफल से पांच गुना और मुंबई शहर जितना बड़ा है।

इसके पहले गार्सेटी ने एक्स पर पोस्ट किया, "गुजरात में खावड़ा रिन्यूअल एनर्जी फैसिलिटी की अपनी यात्रा के दाैरान मैंने भारत के शून्य-उत्सर्जन लक्ष्यों को आगे बढ़ाने वाली अदाणी ग्रीन की परियोजनाओं के बारे में जाना।"

उन्होंने कहा कि ग्रीन ऊजा पर्यावरण संरक्षण की आधारशिला है। गार्सेटी ने कहा, "क्षेत्र और दुनिया के लिए स्वच्छ और हरित भविष्य के लिए समाधान तैयार करने में दोनों देशों की द्विपक्षीय साझेदारी महत्वपूर्ण है।"

खावड़ा में दुनिया के सबसे बड़े अक्षय ऊर्जा संयंत्र में 12 महीने के भीतर दो गीगावाट बिजली के उत्पादन पर काम शुरू करने का एक रिकॉर्ड स्थापित किया है।

8,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला, मुंद्रा आर्थिक केंद्र सबसे बड़े बहु-उत्पाद एसईजेड, मुक्त व्यापार और भंडारण क्षेत्र (एफटीडब्ल्यूजेड) और घरेलू औद्योगिक क्षेत्र के रूप में निवेश के विकल्प प्रदान करता है।

एपीएसईजेड का पहला बंदरगाह मुंद्रा ने 1998 में अपने पहले जहाज का स्वागत किया। तब से, कंपनी ने देश के पूर्वी और पश्चिमी तटों पर 15 बंदरगाहों और टर्मिनलों का एक नेटवर्क तैयार किया है। मुंद्रा बंदरगाह एक महीने (अक्टूबर 2023) में 16 एमएमटी कार्गो का संचालन करनेे वाला भारत का पहला बंदरगाह बन गया।

--आईएएनएस

 

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