वैश्विक बाजार में चीनी का दाम बढ़ने से निर्यात में जोरदार इजाफा, 39 लाख टन के हुए सौदे
Source : business.khaskhabar.com | Mar 11, 2021 | 

नई दिल्ली। भारत ने चालू सीजन में अब तक 39 लाख टन चीनी निर्यात करने के सौदे कर लिए हैं जो कि मिलों को आवंटित 60 लाख टन कोटे का 65 फीसदी है। मेक्सिको और अमेरिका समेत दुनिया के कई अन्य देशों में चीनी का उत्पादन इस साल कम होने से वैश्विक बाजार में दाम ऊंचा चल रहा है। दाम ऊंचा होने से भारत को अपनी जरूरत से बाद बाकी बची चीनी को दुनिया के बाजारों में खपाने में मदद मिली है।
केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीनी निर्यात के मोर्चे पर इस साल काफी प्रगति देखी जा रही है और चालू शुगर सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के अब तक 39 लाख टन तक निर्यात के सौदे हो गए हैं। उन्होंने बताया कि चीनी निर्यात होने से मिलों को गन्ने के दाम का भुगतान करने में सहूलियत मिली है। उद्योग संगठनों से मिली जानकारी के अनुसार, 39 लाख टन निर्यात के जो सौदे हुए हैं उसमें से 18.5 लाख टन चीनी मिलों के गोदामों से उठ चुकी है और 12.5 लाख टन देश के बाहर भी जा चुकी है। भारत ने इंडोनेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड, यूएई के अलावा अफ्रीका के कई देशों को चीनी निर्यात किया है।
देश मंे सहकारी चीनी मिलों का संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने आईएएनएस से कहा, "नवंबर से लेकर अप्रैल तक भारत के लिए चीनी निर्यात करने का बेहतर मौका है, क्योंकि इस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत को छोड़कर किसी के पास निर्यात करने के लिए चीनी उपलब्ध ही नहीं होती है। ब्राजील की चीनी अप्रैल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आएगी। दुनिया में ब्राजील के बाद भारत ही दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है।"
नाइकनवरे ने बताया कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई तेजी के बाद ब्राजील चीनी का उत्पादन घटाकर फिर से अपने इथेनॉल उत्पादन कार्यक्रम को बढ़ावा दे सकता है। ऐसे में ब्राजील में चीनी के उत्पादन में कमी आने की संभावना है। साथ ही, थाइलैंड में भी उत्पादन कम रहने की संभावना है। लिहाजा, भारत के लिए चीनी निर्यात की संभावना बनी रहेगी।
उन्होंने कहा, "नवंबर से अप्रैल तक भारत के लिए चीनी निर्यात का बेहतर मौका रहेगा इस बात का अंदाजा हमें पहले से ही था।"
उन्होंने आगे बताया कि पिछले दिनों जब चीनी का भाव 17 सेंट प्रति पौंड से ज्यादा हो गया था तब कुछ चीनी मिलों ने बगैर स्कीम के भी कुछ चीनी निर्यात की थी। केंद्र सरकार ने चालू शुगर सीजन में अधिकतम स्वीकार्य निर्यात परिमाण (एमएईक्यू) के तहत मिलों को 60 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा दिया है, जिसपर सरकार सब्सिडी देती है। वहीं बीते महीने चीनी का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 18.94 सेंट प्रति पौंड तक उछला था। हालांकि अब फिर टूटकर 16 सेंट प्रति पौड पर आ गया है।
निजी चीनी मिलों का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम में तेजी आने से निर्यात को बढ़ावा मिला है जिससे उद्योग की सेहत में सुधार हुआ है और किसानों को भी गन्ने का भुगतान मिलने में जो कठिनाई हो रही थी वह अब कम हुई है।
इंटरनेशनल शुगर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, चीनी का वैश्विक उत्पादन 50 लाख टन कम रहने का अनुमान है। वहीं, अमेरिकी एजेंसी यूएसडीए के हालिया अनुमान के अनुसार, मेक्सिको में चीनी का उत्पादन 50,000 टन कम है और अमेरिका में भी उत्पादन में कमी रहने की उम्मीद है।
इस्मा के आंकलन के अनुसार भारत में चालू सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन 302 लाख टन हो सकता है जबकि पिछले सीजन में देश में चीनी का उत्पादन 274 लाख टन था। पिछले साल का बकाया स्टॉक 107 लाख टन को मिलाकर देश में इस साल चीनी की कुल सप्लाई चालू सीजन में 409 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि घरेलू खपत तकरीबन 260-265 लाख टन रहने का अनुमान है और निर्यात 60 लाख टन होने के बाद अगले सीजन के लिए बकाया स्टॉक 90 लाख टन से कम रहेगा। (आईएएनएस)
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