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बिहार के मर्चा धान को मिला जीआई टैग, किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद

Source : business.khaskhabar.com | Oct 09, 2023 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 bihars marcha paddy gets gi tag hope to increase farmers income 592049बेतिया। बिहार के एक और उत्पाद को अब अंतराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिलेगी। बिहार के पश्चिम चंपारण के उत्पाद मर्चा धान को शनिवार को केंद्र सरकार ने जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग दे दिया है। जीआई टैग मिलने से यहां के किसानों को अब काफी लाभ मिलने को संभावना है।

किसानों को अब मर्चा धान का बेहतर दाम मिल पाएगा। इससे पहले बिहार के पांच कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है, जिसमें मुजफ्फरपुर की लीची, भागलपुर का जर्दालु आम, कतरनी चावल, मिथिला का मखाना शामिल है। अब मर्चा धान को जीआई टैग मिलने के बाद बिहार के कृषि उत्पादों की संख्या पांच से बढ़ कर छह हो गई है।

केंद्र सरकार के जीआई रजिस्ट्रार, चेन्नई की ओर से जारी प्रमाण पत्र को शनिवार को समाहरणालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मर्चा धान उत्पादक सहयोग समिति के अधिकारियों एवं सदस्यों को प्रदान किया गया। वहीं, जीआई रजिस्ट्रार ने जिला प्रशासन को भी इसका प्रमाण पत्र प्रेषित किया है, जिसे जिलाधिकारी को समर्पित किया गया।

जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने बताया कि मर्चा धान बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थानीय रूप से पाए जाने वाले चावल की एक किस्म है। यह काली मिर्च की तरह दिखाई देता है, इसलिए इसे मिर्चा या मर्चा राइस के नाम से जाना जाता है।

उन्होंने बताया कि इसे स्थानीय स्तर पर मिर्चा, मचया, मारीची आदि नामों से भी जाना जाता है। मर्चाधान के पौधे, अनाज और गुच्छे में एक अनूठी सुगंध होती है, जो इसे अलग बनाती है। इस चावल के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र पश्चिमी चंपारण जिले के चनपटिया, मैनाटांड़, गौनाहा, नरकटियागंज, रामनगर एवं लौरिया है।

(आईएएनएस)

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