businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

यातायात का बेहतर भविष्य इलेक्ट्रिक वाहन, आखिर क्यों, यहां पढ़ें

Source : business.khaskhabar.com | Jun 15, 2022 | businesskhaskhabar.com Automobile News Rss Feeds
 better future of traffic electric vehicle 517837नई दिल्ली । दुनिया के बाकी देशों की तरह भारत में भी वायु प्रदूषण और गर्म होती धरती के खिलाफ़ सरकार ने कई स्तर पर मुहिम छेड़ दी है। वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण सड़कों पर चलने वाले वाहन हैं जो पेट्रोल या डीज़ल से चलते हैं, इनसे सबसे अधिक प्रदूषण फैलता है।इसमें भी सबसे अधिक प्रदूषण दुपहिया वाहनों से फैलता है। ऐसे में कई देशों नेइलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और खरीदने के लिये लोगों को प्रोत्साहित किया।

इसके बढ़ते बाज़ार, वायु प्रदूषण और ग्लोबल वॉर्मिंग के बुरे असर को देखते हुए कई उद्योगपतियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने का काम शुरु किया। इलेक्ट्रिक वाहनों पर भारत में भी काम शुरु हुआ और वर्ष 2018 में ई-अश्व ऑटो मोबाइल कंपनी ने बड़े पैमाने पर मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के लिये कई रेंज के ई-स्कूटर और ई-रिक्शा बाज़ार में लेकर आई।
पेट्रोल से मुक्ति और रख-रखाव पर कम खर्च
इलेक्ट्रिक वाहनों को बैटरी वाहन भी कहते हैं, इसका सबसे बड़ा लाभ महंगे पेट्रोल से मुक्ति मिलेगी। इस वजह से रिक्शा चालक और मध्यम वर्ग बड़ी संख्या में ई-स्कूटर खरीद रहे हैं, लेकिन परोक्ष रूप से ये लोग स्वच्छ पर्यावरण में भी अपना योगदान दे रहे हैं। ई वाहनों के रख-रखाव पर खर्च बहुत कम होता है। इसके कलपुर्ज़े भी महंगे नहीं हैं जिसे आसानी से खरीदा न जा सके। इनके चार्जिंग में भी कोई परेशानी नहीं होती है। जिस सॉकेट से हम अपना मोबाइल फ़ोन चार्ज करते हैं उससे हम इन वाहनों की बैटरी चार्ज कर सकते हैं।

ये कम खर्च में उपलब्ध हैं, आम वाहनों से इनकी कीमत थोड़ी ज्यादा है लेकिन इसकी इस्तेमाल लागत पेट्रोल वाहनों से कम है, खरीदार को इसमें दोगुनालाभ मिलता है क्योंकि बैटरी चार्ज करने में ज्यादा खर्च नहीं आता है।
रोज़गार के बढ़ेंगे अवसर

इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते चलन से भारत में इसके लिये एक नया ईको सिस्टम तैयार हो रहा है जो बड़ी संख्या में युवाओं को नए रोज़गार देगा,श्रम मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के क्षेत्र में 1 करोड़ युवाओं को प्रत्यक्ष रोज़गार मिलेगा तो वहीं 5 करोड़ अप्रत्यक्ष रोज़गार मिलेगा।


सरकार दे रही प्रोत्साहन
सरकार इनकी खरीद पर रजिस्ट्रेशन, रोड टैक्स, बिक्री कर में ढील देती है जिससे लोग बैटरी से चलने वाले वाहनों की तरफ़ आकर्षित हों, सरकार का उद्देश्य वायु और ध्वनि प्रदूषण को न्यूनतम स्तर पर लाना है इसलिये सरकार बैटरी वाहनों की खरीद पर टैक्स कम लगाती है। इसके साथ ही देश कार्बन उत्सर्जन में भी अधिक अंक पाएगा जिसका असर भारत में चलने वाली कई अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं पर भी पड़ेगा।

ध्वनि प्रदूषण से छुटकारा
ई-वाहनों से जहां एक तरफ़ वायु प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा तो वहीं ध्वनि प्रदूषण से भी छुटकारा मिलेगा। इ-स्कूटर और ई-रिक्शा में बैटरी एक मोटर को शक्ति देती है जिससे वो चलती है और ये मोटर सीधे तौर पर वाहन के पहियों को चलाती है। इसलिये इससे कोई ध्वनि प्रदूषण नहीं होता। ध्वनि प्रदूषण का सबसे पहला बुरा असर इंसान की सुनने की शक्ति पर पड़ता है, जो कम हो जाती है तो वहीं तेज़ ध्वनि से उच्च रक्तचाप, हृदय की बीमारियां, नींद में रुकावट और तनाव बढ़ता है।

ग्रामीण अंचलों, छोटे कस्बों और छोटे शहरों में लोग पर्यावरण के प्रति सबसे अधिक जागरूक हैं शायद यही कारण है कि ई-वाहनों की बिक्री सबसे अधिक इन क्षेत्रों में हो रही है। लोगों में पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता और कम खर्च वाले ई-वाहनों के चलते भारत की विशाल जनसंख्या इन वाहनों का आने वाले समय में बढ़ चढ़कर इस्तेमाल करेगी, ऐसी उम्मीद ऑटोमोटिव सेक्टर के जानकारों को है।

[@ चेज मास्टर के रूप में उभरे कोहली, रिकार्ड बुक में लिखा नए सिरे से अध्याय]


[@ क्या आप जानते है खांसी का इलाज है चॉकलेट!]


[@ झूठ बोलने से नहीं मिलेगा इन कार्यो का फल]