नई दिल्ली। पुणे स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान
आघारकर अनुसंधान संस्थान ने रसीले अंगूर की एक नई किस्म विकसित की है जो
फफूंदरोधी होने के साथ-साथ बेहतर पैदावार भी देने वाली है। बताया गया है कि
रसीले अंगूर की यह किस्म जूस, जैम और रेड वाइन बनाने में बेहद उपयोगी है,
इसलिए किसान अंगूर की इस वेरायटी को लेकर लेकर काफी उत्साहित हैं। केंद्रीय
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान के जरिए बताया कि
अंगूर की यह संकर प्रजाति एआरआई-516 दो विभिन्न किस्मों अमरीकी काटावाबा
तथा विटिस विनिफेरा को मिलाकर विकसित की गई है और यह बीज रहित होने के साथ
ही फफूंदरोधी भी है।[@ TV पर आने से पहले मनोरंजन के लिए फिल्में देखती थीं रीना, लेकिन...]
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