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गिरती कीमतों को सर्कल रेट से मिलेगा सहारा

Source : business.khaskhabar.com | Sep 23, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Support of down price by cercile rateकरीब दो साल बाद दिल्ली में घोषित सर्कल रेट की नई दरों से प्रॉपर्टी बाजार में गिरती कीमतों को सहारा मिलेगा। हालांकि सरकार ने रेवेन्यू डिपार्टमेंट के उस प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं किया है, जिसमें कैटेगरीज के संशोधन और कुछ इलाकों में सर्कल रेट 160 पसेंüट तक बढ़ाने की सिफारिश की गई थी। ऎसा कई इलाकों में मार्केट रेट के मुकाबले सर्कल रेट ज्यादा होने जैसा असंतुलत दूर करने के मकसद से प्रस्तावित किया गया था। फिलहाल ए से एच तक सभी कैटेगरीज में रेट 20 पसेंüट बढ़ाए गए हैं। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया, "2012 के बाद से दिल्ली में वैल्यूएशन बेस या सर्कल रेट नहीं बढ़े थे, जबकि इसकी तुलना में मार्केट रेट बढ़ गए थे।

नई दरों से बाजार में संतुलन और रेवेन्यू में इजाफा होगा। कैटेगरी रिविजन पर इसलिए ध्यान नहीं दिया गया, क्योंकि सिविक एजेंसियां भी ए से एच कैटेगरी का पालन करती हैं और नई व्यवस्था से कई पेचीदगियां आ सकती थीं। फिलहाल कुछ अपवादों को छो़डकर 20 पसेंüट के इजाफे से मार्केट रेट और स्टांप ड्यूटी के आधार में संतुलन कायम होगा।" हालांकि दूसरी ओर जानकार बताते हैं कि न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी जैसे रिहायशी इलाके और नरेला या बवाना जैसे इंडस्ट्रियल एरिया में मार्केट रेट के मुकाबले ज्यादा सर्कल का गैप अब और बढ़ जाएगा।

यहां अरसे से सर्कल रेट घटाने की मांग हो रही है। सर्कल रेट ज्यादा होने से यहां प्रॉपर्टी की खरीद बिRी ठप है। जो लोग प्रॉपर्टी खरीदते भी हैं, उन्हें मार्केट रेट से 20 से 40 पसेंüट ज्यादा रकम पर स्टांप ड्यूटी चुकानी होती है। उधर, प्रॉपर्टी कंसलटेंट्स का कहना है कि नई दरों से राजधानी में प्रॉपर्टी बाजार में थो़डी गर्मी आएगी। पिछली कुछ तिमाहियों से यहां रेट गिरते जा रहे हैं। मैजिकब्रिक्स डॉट कॉम के पहली तिमाही के प्रॉपइंडेक्स के मुताबिक दिल्ली के 60 पसेंüट इलाकों में प्रॉपर्टी के दाम (कैपिटल वैल्यू) गिरे हैं, जबकि 80 पसेंüट इलाकों में रेंटल वैल्यू घटी है।

रोहिणी, द्वारका, विकासपुरी, ग्रेटर कैलाश-2, साकेत, उत्तम नगर, ईस्ट ऑफ कैलाश, शिवालिक, पंचशील एन्क्लेव, मालवीय नगर, आईपी एक्सटेंशन में कीमतें पिछले छह महीने 4 से 9 पसेंüट तक घटी थीं। दूसरी तिमाही के मार्केट ट्रेंड भी नेगेटिव रहने के आसार हैं। जानकारों का कहना है कि सर्कल रेट बढ़ने के बाद कई इलाकों में मार्केट रेट भी अपने आप बढ़ जाएंगे। उधर, डीडीए की करीब 25000 फ्लैटों की मौजूदा स्कीम पर सर्कल रेट में इजाफे का कोई असर नहीं होगा। डीडीए ने पांच साल तक आवंटियों को मालिकाना हक (कनवेन्स डीड) नहीं देने का फैसला किया है। इससे अगले पांच साल तक इन फ्लैटों की खरीद-बिRी नहीं हो सकेगी। लॉक इन पीरियड नहीं होता तो अगले महीने ड्रॉ के बाद ही कनवेन्स डीड लेने वालों को 20 पसेंüट ज्यादा रकम खर्च करनी प़ड जाती।