4 अरब डॉलर में सन फार्मा की हुई रेनबैक्सी
Source : business.khaskhabar.com | Apr 07, 2014 | 

नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से मुश्किलों में फंसी फार्मा कंपनी रैनबेक्सी लैबोरटरीज को सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज ने 4 अरब अमेरिकी डालर में खरीदने का सौदा कर लिया है। सन फार्मा, रैनबेक्सी की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी। सभी मंजूरियों के बाद यह सौदा दिसंबर 2014 तक पूरा होगा।
रैनबेक्सी के शेयरधारकों को 10 शेयर के बदले सन फार्मा के 8 शेयर मिलेंगे। इस सौदे के बाद अमेरिका में सन फार्मा सबसे बडी दवा कंपनी बन जाएगी। वहीं रैनबेक्सी को खरीदने के बाद सन फर्मा दुनिया की पांचवीं सबसे बडी जेनेरिक कंपनी होगी। सन फार्मास्युटिकल्स एवं रेनबैक्सी ने एक बयान में बताया कि सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड एवं रैनबैक्सी लैबोरेटरीज ने सोमवार को निश्चित समझौता किया है, जिसके अनुसार सन फार्मा, रेनबैक्सी की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।
कंपनी ने विज्ञçप्त में कहा गया है कि तय अनुपात के अनुसार रेनबैक्सी के प्रत्येक शेयर का मूल्य 457 रूपये बनता है। यह इस शेयर के पिछले तीस दिन के औसत मूल्य के 18 प्रतिशत और 60 दिन के औसत मूल्य से 24.3 प्रतिशत पहुंचा है। इस विलय के बाद नयी कंपनी विशिष्ट जेनरिक दवाओं का कारोबार करने वाली दुनिया की पांचवी सबसे बडी और भारत की सबसे बडी कंपनी हो जाएगी। इसका कारोबार 65 देशों में फैला होगा और इसके पांच महाद्वीपों में 47 कारखाने होंगे। इनमें 629 एएनडीए (औषधीय यौगिकों) सहित तमाम तरह की जेनरिक दवाएं बनती हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार 31 दिसंबर 2013 को समाप्त वर्ष में इस कंपनी का कुल कारोबारी राजस्व 4.2 अरब डालर और कर पूर्व लाभ 1.2 अरब डालर के करीब होगा। बता दें कि जून 2008 में दाइची ने रैनबेक्सी को 4.50 अरब डॉलर में खरीदा था।
वहीं इस सौदे के दौरान दाइची ने 737 रूपये प्रति शेयर के भाव पर रैनबेक्सी की 63.92 फीसदी हिस्सेदारी थी, लेकिन समय-समय पर रैनबेक्सी अमेरिकी एफडीए के रडार पर रहा, जिसके चलते एक दिग्गज फार्मा कंपनी होने के बावजूद रैनबेक्सी का कारोबार अक्सर दबाव में रहा। यूएफ एफडीए के शिकंजे में कब-कब रहा रैनबेक्सी 16 सितंबर, 2008 में रैनबेक्सी के देवास में पोंटा साहिब प्लांट के लिए यूएफ एफडीए की ओर से इंपोर्ट अलर्ट मिला, वहीं 25 फरवरी, 2009 में पोंटा साहिब प्लांट पर नए रेगुलेटरी प्रतिबंध लगा दिए गए।
13 मई, 2013 में पोंटा साहिब प्लांट में गडबडी पाए जाने के चलते रैनबेक्सी पर 50 करोड डॉलर का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा 15 मई, 2013 को रैनबेक्सी के मोहाली प्लांट में दवाओं के उत्पादन पर रोक लगा दी गई, वहीं 23 जनवरी, 2014 में कपंनी के तौसा प्लांट से भी दवाओं के उत्पादन और डिस्ट्रिब्यूशन पर रोक लगा दी गई।