आरबीआई ने नहीं बदली मौद्रिक नीति, ब्याज दरें यथावत
Source : business.khaskhabar.com | Apr 01, 2014 | 

नई दिल्ली। पहले से लगाए जा रहे कयासों को सही साबित करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल को जारी की अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने दो महीने में एक बार जारी किए जाने वाली दरों के तहत इसे अपरिवर्तित रखा है। केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को पहले की तरह आठ फीसदी के स्तर पर तथा रिवर्स रेपो दर को सात फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि ईएमआई में भी कोई बदलाव नहीं होगा।
रेपो दर वह दर होती है जिस पर बैंक आरबीआई से लोन लेते हैं। उद्योग जगत द्वारा रेपो दर को घटाने की मांग के बावजूद आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने महंगाई पर काबू पाने के लिए उठाए गए कदमों को जारी रखते हुए रेपो रेट में कोई बदालव नहीं किया है। राजन महंगाई पर काबू पाने के लिए सितंबर में आरबीआई का गवर्नर पद संभालने के बाद से रेपो रेट में तीन बार बढोतरी कर चुके हैं। आखिरी बार जनवरी में अपनी मौद्रिक नीति में 0.25 फीसदी की बढोतरी करते हुए इसे 8 प्रतिशत पर कर दिया था। बैंक द्वारा एक निश्चित अनुपात में आरबीआई के पास जमा रखे जाने वाले नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
वर्तमान में सीआरआर 4 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने 2014-15 में आर्थिक वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। चालू खाते का घाटा (कैड) वर्ष 2013-14 में घट कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो प्रतिशत तक रहने की रिजर्व बैंक को उम्मीद है। खाद्य मुद्रास्फीति 2014 के दौरान 6 प्रतिशत से नीचे रहेगी। फरवरी में थोक कीमतें महंगाई 9 महीने के अपने न्यूनतम स्तर 4.68 पर पहुंच गया था, जबिक खुदरा कीमतें 25 महीने में पहली बार 8.10 पर पहुंच गई थी। उसके बाद उद्योग जगत आरबीआई से रेपो रेट घटाने की मांग कर रहा था, लेकिन शीर्ष बैंक ने फिलहाल इसमें कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया। साथ ही आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे निçष्Rय खातों में न्यूनतम राशि बरकरार न रख सकने वाले जमाकर्ताओं से दंड न वसूलें। आरबीआई चुनाव आयोग से परामर्श के बाद नए बंैकिंग लाइसेंस की सैद्धांतिक मंजूरी की घोषणा करेगा।