घर एवं कार ऋण पर मिल सकती है राहत
				Source : business.khaskhabar.com | Sep 28, 2015 | 
 
				
नई दिल्ली। महंगाई में लगातार नरमी बने रहने और घरेलू मांग बढाकर  अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में  चौथाई फीसदी की कटौती कर आम लोगों को घर और कार ऋण के किस्तों में कमी कर  त्योहारी उपहार दे सकता है। अर्थशाçस्त्रयों को उम्मीद है कि वैश्विक  वित्तीय बाजार में जारी अनिश्चितता के साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व के  ब्याज दरों को यथावत बनाये रखने के बीच रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों में  अभी चौथाई फीसदी की कटौती का मौका है क्योंकि महंगाई में नरमी का रूख बना  हुआ है और मानसून के दौरान औसत से कम बारिश होने के बावजूद देश के 64 फीसदी  क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। उनका कहना है कि रिजर्व बैंक  के ब्याज दरों में कमी करने की प्रमुख शर्तो में से अधिकांश अभी इसके पक्ष  में दिख रहा है।
इसलिए केन्द्रीय बैंक मंगलवार को चालू वित्त वर्ष  की ऋण एवं मौद्रिक नीति की चौथी दि्वमासिक समीक्षा में ब्याज दरों में  0.25 प्रतिशत की कमी कर सकता है। भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य आर्थिक  सलाहकार सौम्य कांति घोष का मानना है कि ब्याज दरों में अभी कटौती करना  बेहतर है न कि इसके लिए और अधिक प्रतीक्षा की जानी चाहिए क्योंकि बेहतर  नीति का सही समय पर उपयोग का अच्छी नीति का गलत समय में उपयोग की तुलना में  अच्छा परिणाम मिलता है। बैंक ऑफ अमेरिका मैरिल लिंच ने कहा है कि कमोडिटी  की कीमतों में नरमी से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई ऋणात्मक बनी हुई  है। 
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई के बढने का  कोई संकेत नहीं दिख रहा है जबकि वैश्विक विकास में सुधार नहीं हो रहा है,  अर्थव्यवस्था के अवस्फीति की ओर बढने से कंपनियों के मूल्य निर्धारण क्षमता  प्रभावित होगी। उसने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में  बढोतरी नहीं करने से यह स्पष्ट हो गया है कि आर्थिक सुधार को मामूली गति  मिली है न कि उसमें तेजी आयी है। इसके मद्देनजर रिजर्व बैंक के पास ब्याज  दरों में कटौती का मौका है।