तेल कंपनियों पर सीएजी रपट का अध्ययन कर रही सरकार
Source : business.khaskhabar.com | July 22, 2014 | 

नई दिल्ली| सरकार ने सोमवार को कहा कि वह देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की उस रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है, जिसमें कहा गया है कि सरकारी तेल कंपनियों ने पिछले पांच सालों के दौरान ग्राहकों से 26,626 करोड़ रुपये अधिक कीमत वसूली है। एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने लोकसभा में कहा, "इस विषय पर सरकार अध्ययन कर रही है।"
सीएजी ने पिछले सप्ताह रिपोर्ट में कहा कि कंपनियों ने देश में बेचे जाने वाले पेट्रोलियम ईंधन की वास्तविक लागत में सीमा शुल्क जैसे कल्पित शुल्क जोड़ कर ग्राहकों से अधिक कीमत वसूली है। यही नहीं उन्होंने एस्सार और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी निजी रिफाइनिंग कंपनियों से जरूरत से अधिक मूल्य देकर ईंधन खरीदे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल का मूल्य तय करते वक्त इन उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय कीमत में सीमा शुल्क, माल ढुलाई, बीमा, समुद्री नुकसान जैसे कई शुल्क जोड़े जाते हैं।
यह मुद्दा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सांसद पी. करुणाकरण ने प्रश्नकाल में उठाया था।
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि देश में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग की पूर्ति के लिए सरकार विशाखापत्तनम, मंगलोर और पदुर में स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजव्र्स लिमिटेड (आईएसपीआरएल) के जरिए रणनीतिक कच्चा तेल भंडार स्थापित कर रही है।