ईरान जाएंगे गडकरी, भारत 1 लाख करोड का निवेश करेगा
Source : business.khaskhabar.com | Sep 27, 2015 | 

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व वाला उच्च स्तरीय शिष्टमंडल जल्दी ही बडे निवेश के प्रस्ताव के लिए ईरान की यात्रा पर जा सकता है। माना जा रहा है कि यह निवेश एक लाख करोड रूपए से अधिक तक हो सकता है। यह यात्रा ईरान में स्थापित होने वाले यूरिया संयंत्र के लिए गैस के मूल्य को लेकर दोनों देशों के बीच समझौते के मद्देनजर हो रही है। ईरान ने भारत द्वारा चाबहार बंदरगाह विशेष आर्थिक क्षेत्र में प्रस्तावित संयंत्र स्थापित करने के लिए 2.95 डॉलर में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की पेशकश की है जबकि भारत 1.5 डॉलर की दर पर जोर दे रहा है।
अमेरिका और अन्य पश्चिमी ताकतों द्वारा ईरान के खिलाफ प्रतिबंध कम करने के मद्देनजर भारत तेहरान के साथ चाबहार बंदरगाह पर गैस आधारित यूरिया विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के मामले बातचीत कर रहा है। इसके अलावा ओएनजीसी द्वारा की गई गैस खोज के विकास पर भी बात हो रही है। वहीं लौह अयस्क, राजमार्ग और रेलवे परियोजना पर भी विचार किया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि परियोजनाओं में 1,00,000 करोड रूपए से अधिक का निवेश हो सकता है और यह कच्चे तेल के मूल्य निर्धारण पर निर्भर करेगा। सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा "सभी संबद्ध विभाग 28 सितंबर तक हमारे (जहाजरानी) सचिव राजीव कुमार को ईरान में नियोजित परियोजनाओं पर रिपोर्ट सौंपेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रस्तावित निवेश पर दिशा-निर्देश मांगा जाएगा और हम जल्दी ही ईरान जाएंगे।"
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जाफरी ने अपनी भारत यात्रा के दौरान 14 अगस्त को गडकरी से मुलाकात की थी। इस बारे में जानकारी देते हुए गडकरी ने बताया कि "उनके विदेश मंत्री ने हमसे मुलाकात की थी। मैंने उनसे कहा था कि मैं प्रस्तावों के साथ कुछ समय बाद आपसे मुलाकात करूंगा। मैं जा नहीं सका क्योंकि मैं चाहता था कि किसी बडे प्रस्ताव के साथ जाऊं जिसमें अन्य मंत्रालयों के निवेश की भी योजना हो।" उन्होंने कहा कि भारत 1.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू पर गैस प्राप्त करने के संबंध में बातचीत कर रहा है जो सस्ता होगा। 2013 में उन्होंने एक डॉलर से भी कम (82 सेंट) की दर से गैस मुहैया कराने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि यदि ईरान इस पर सहमत हो जाता है तो भारत में यूरिया पर दी जाने वाली 80,000 करोड रूपए की सब्सिडी में काफी कमी आएगी और कीमत भी 50 फीसदी तक घट जाएंगे। भारत ने ईरान के दक्षिण पूर्वी तट पर स्थित रणनीतिक बंदरगाह के विकास में करीब 8.5 करोड डॉलर के निवेश का वादा किया है जिससे पाकिस्तान को अलग कर अफगानिस्तान तक सामुद्रिक-जमीनी मार्ग तक पहुंच संभव हो सकेगी।
इस बीच रसायन एवं उर्वरक और पेट्रोलियम मंत्रालय प्रस्तावित 13 लाख टन सालाना की क्षमता वाले लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। गडकरी ने इससे पहले इसी साल मई में ईरान की यात्रा की थी और दोनों देशों ने चाबहार बंदरगाह विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किया था।