"भारत में अर्थव्यवस्था मे सुधार अभी भी असमान"
Source : business.khaskhabar.com | Oct 13, 2014 | 

न्यूयार्क। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार अभी भी असमान है और उम्मीद जताई कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत ठोस रूप से पांच प्रतिशत वृद्धि के दायरे में होगा। साथ ही अगले वित्त वर्ष में इसमें और बढोतरी होगी। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि वह फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढोतरी के बारे में बहुत चिंतित नहीं हैं क्योंकि देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।
उन्होंने कहा "यह अभी भी असमान आर्थिक सुधार है, इसलिए मेरा अनुमान है कि यह तिमाही पिछली तिमाही के मुकाबले थोडी कमजोर होगी, लेकिन मेरा मानना है कि इस साल की शेष अवधि में हम ठोस रूप से पांच प्रतिशत की वृद्धि और अगले साल हम मजबूती से छह प्रतिशत के दायरे में होंगे।" राजन वाशिंगटन में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनैशनल फाइनेंश में बोल रहे थे। राजन ने यह भी कहा कि इस समय "ऊंची-ऊंची घोषणाओं" की कोई जरूरत नहीं है। भारत को बस "कुछ खामियां ठीक करने की जरूरत है। उन्होंने इसी संदर्भ में कोयल एवं गैस क्षेत्र की समस्याओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक हालात में सुधार तेज होगा और देश पुन: लीक पर
आ जाएगा। राजन ने कहा कि भारत को अपने स्तर पर मोटी बातों के लिए तैयार रहने की जरूरत है। अच्छी खबर यह है कि इस समय बहुत से काम बहुत आसानी से हो सकते हैं। उन्होंने कहा, "बहुत से फल नजदीक लटके हुए हैं, हमें उन्हें चुनने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "निश्चित तौर पर यह एक बडा सवाल है कि हमने पहले ऎसा क्यों नहीं किया। लेकिन मेरा मानना है कि अब इसके लिए माहौल है और इसके लिए आवश्यक कदम उठाने की इच्छा भी है।" राजन ने कहा कि हमें ऊंची ऊंची घोषणाएं करने की नहीं बल्कि बुनियादी काम करने की जरूरत है। यह पूछने पर कि भारत कैसे उन बडे लक्ष्यों को प्राप्त करेगा जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार ने आर्थिक वृद्धि में सुधार के लिए तय किए हंै, उन्होंने कहा हमें कुछ आधारभूत काम करने की जरूरत है जिससे अर्थव्यवस्था लीक पर आएगी। थोडे मजाकिया लहजे में कहा कि उम्मीदों को थोडा काबू में रखने की जरूरत है।