एयरसेल-मैक्सिस केस: मारन बंधुओं की सीबीआई कोर्ट के क्षेत्राधिकार को चुनौती
Source : business.khaskhabar.com | Mar 16, 2015 | 

नई दिल्ली। पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन ने सोमवार को अलग-अलग याचिकाएं दायर कर एयरसंल-मैक्सिस सौदा मामले में विशेष टूजी अदालत के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी है। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें अन्य के साथ आरोपी के रूप में तलब किया गया है। विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी ने सीबीआई को नोटिस जारी किया और मारन बंधुओं की याचिकाओं पर तीन अगस्त को जवाब मांगा। अदालत ने चार अन्य आरोपियों- मलेशियाई कारोबारी टी आनंद कृष्णन, ऑगस्तस राल्फ मार्शल और दो कंपनियों को नए सिरे से सम्मन जारी किए। ये सम्मन सीबीआई के यह कहे जाने के बाद जारी किए गए कि उनके खिलाफ जारी सम्मन अब तक तामिल नहीं हो पाए हैं। वरिष्ठ लोक अभियोजक केके गोयल ने अदालत को बताया कि इन चार आरोपियों को जारी सम्मन अब तक तामिल नहीं हो पाए हैं और उन्हें कम से कम इसके लिए तीन महीने का वक्त चाहिए।
अदालत ने निवेदन को सुनने के बाद मारन बंधुओं की जमानत याचिकाओं, मुकदमा चलाने के अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने के उनके आग्रह और मलेशिया आधारित आरोपी को सम्मन तामिल कराने की प्रçRया पर दलीलें सुनने के लिए मामला तीन अगस्त तक टाल दिया। मारन बंधु और आरोपी कंपनी सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि अदालत में सुनवाई के दौरान मौजूद थे। संबंधित आरोपियों को अब तक सम्मन तामिल नहीं हो पाने का जिR करते हुए और असमर्थता जताते हुए अभियोजक ने समय मांगा और कहा कि यह कूटनीतिक चैनल के जरिए किया जाएगा। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मारन बंधुओं की जमानत याचिकाओं पर अपना जवाब भी दाखिल किया जिस पर तीन अगस्त को सुनवाई होगी।
मारन बंधुओं, टी आनंद कृष्णन और ऑगस्तस राल्फ मार्शल के अतिरिक्त अदालत ने चार कंपनियों- सन डाइरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड, मैक्सिस कम्युनिकेशन बरहाद, साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग लिमिटेड और एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क पीएलसी को भी मामले में आरोपी के रूप में सम्मन जारी किए थे। अदालत ने मामले में दायर सीबीआई के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद पिछले साल 29 अक्टूबर को सभी आठ आरोपियों को सम्मन जारी किए थे। सीबीआई ने उन्हें आरोपपत्र में भादंसं की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण कानून के प्रावधानों के तहत आरोपी बनाया था। एजेंसी ने पूर्व में अदालत को बताया था कि आठ में से पांच आरोपी मलेशिया, मॉरीशस और ब्रिटेन जैसे देशों में रह रहे हैं और वहां आधारित हैं, जबकि शेष तीन चेन्नई में आधारित हैं। सीबीआई ने मामले में पिछले साल 29 अगस्त को आरोपपत्र दायर किया था जिसमें अभियोजन पक्ष के 151 गवाहों के नाम और 655 दस्तावेज थे।
जांच के दौरान एजेंसी इन्हीं आधारों पर निर्भर रही। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि दयानिधि मारन ने चेन्नई आधारित टेलीकॉम प्रमोटर सी शिवशंकरन पर 2006 में इस बात के लिए दबाव बनाया और विवश किया कि वह एयरसेल और और दो अनुंषंगियों की अपनी हिस्सेदारी को मलेशियाई कंपनी मैक्सिस ग&प्त8206;ुप को बेच दे। इसने दलील दी थी कि मामले में जांच अन्य देशों से जुडी है और आरोपपत्र में जिन लोगों का नाम लिया गया है, उनके खिलाफ आगे बढने के लिए पर्याप्त आधार हैं।