‘डाटामेल’ रूस को देगा उनकी भाषा में ईमेल आईडी सेवा
Source : business.khaskhabar.com | Dec 08, 2016 |
मास्को/नई दिल्ली। भारतीय भाषाओं में दुनिया के पहले निशुल्क भाषाई ई-मेल पते की शुरुआत करने वाली कंपनी डाटामेल ने रूस में वेब और स्मार्टफोन का उपयोग करने वाले लोगों को उनकी भाषा में ईमेल आईडी सेवा प्रदान करेगी। तकनीक के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने वाले डाटा एक्सजेन टैक्नोलॉजीस के संस्थापक सीईओ डॉ. अजय डाटा ने रूस की डोमेन रजिस्ट्री कंपनी के साथ सहभागिता करते हुए (पोस्टडॉटआरयूएस) नाम से एक संयुक्त उपक्रम की स्थापना की है। इस संयुक्त उपक्रम की घोषणा रूसी कंपनी वेबनेम्स लिमिटेड और भारतीय कंपनी डाटा एक्सजेन टैक्नोलॉजीस ने साझा तौर पर आज मास्को में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में की।
डाटामेल भारत ने हाल ही आठ भारतीय भाषाओं में दुनिया के पहले निशुल्क भाषाई ई-मेल आई-डी की शुरूआत करते हुए एक नया इतिहास रचा था। यह तकनीकी समाधान ठीक उसी दिशा में था, जैसा रूसी कंपनी वेबनेम्स लिमिटेड पिछले 13 वर्षों से कोशिश कर रही थी। वेबनेम्स लिमिटेड का प्रयास था कि अंग्रेजी के स्थान पर रूसी ईमेल आईडी की शुरूआत की जाए। (पोस्टडॉटआरयूएस) नामक संयुक्त उपक्रम के गठन के बाद अब वेब और स्मार्टफोन के जरिए रूस के 14 करोड़ से अधिक लोग भारतीय तकनीक के अभिनव प्रयोग का निशुल्क इस्तेमाल कर सकेंगे।
डाटा एक्सजेन टैक्नोलोजीस प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक सीईओ डा. अजय डाटा ने कहा, ‘‘भाषाई ईमेल आईडी बनाने के सपने को भारत ने पूरा कर दिखाया है और अब पूरी दुनिया इसका इस्तेमाल कर सकती है। मुझे यह बताते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है कि भारत ने निशुल्क भाषाई ई-मेल आई-डी की शुरुआत की है, जिसका उपयोग अब दुनिया के वो लोग कर सकेंगे, जो गैर अंग्रेजी भाषी हैं। रूसी भाषा में ईमेल आई डी की शुरूआत के बाद अब जल्द ही हम दूसरे और देशों के लोगों के लिए भी भाषाई ईमेल आईडी शुरू करेंगे, ताकि वे अरबों लोग भी भाषाई बाधाओं को पार करते हुए इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकें, जो अंग्रेजी भाषा का उपयोग नहीं कर पाते हैं।’’
उल्लेखनीय है कि रूस में इंटरनेट का उपयोग पिछले पांच वर्षों के दौरान दुगना हो गया है और अब 8.4 करोड़ लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। वहां 5 करोड़ से ज्यादा लोग मोबाइल फोन के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और यह संख्या रूस की वयस्क आबादी की करीब आधी है। भारतीय हैंडसेट के विपरीत रूसी हैंडसेट पहले से ही सिरिलिक कीबोर्ड के लिए सक्षम हैं और इन्हें किसी भी बाहरी एप्लीकेशन के समर्थन की जरूरत भी नहीं होती। इस खूबी के कारण रूसी ईमेल आईडी की अनुकूलता भारत की तुलना में अधिक तेजी से हो जाएगी।
( आईएएनएस)