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अमेरिकी टैरिफ से पीतल कारोबार पर ज्यादा असर नहीं, भारत के घरेलू बाजार में पर्याप्त अवसर : कारोबारी 

Source : business.khaskhabar.com | Sep 01, 2025 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 us tariff will not have much impact on brass business enough opportunities in indias domestic market traders 749113जामनगर। अमेरिकी टैरिफ से भारत में पीतल कारोबार पर ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि घरेलू बाजार में पर्याप्त अवसर मौजूद है। यह जानकारी कारोबारियों की ओर से सोमवार को दी गई।  

पीतल कारोबारी, लाखा भाई कैसवाला ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि अमेरिका की कुल पीतल निर्यात में हिस्सेदारी 8-9 प्रतिशत की है। ऐसे में यूएस द्वारा टैरिफ लगाने से भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता पर असर जरूर होगा, लेकिन इसका पूरी पीतल इंडस्ट्री पर कुछ खास असर नहीं होगा। 

उन्होंने आगे कहा कि हर फैक्ट्री में एक साथ पीतल के कई प्रोडक्ट्स का उत्पादन किया जाता है और कई देशों को निर्यात किया जाता है। इस कारण ऐसा माहौल नहीं है कि अमेरिकी टैरिफ से भारत की इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी। 

कैसवाला ने बताया कि टैरिफ के असर को कम करने के लिए सरकार को कोरोना की तरह कोई राहत पैकेज देना चाहिए। साथ ही इंडस्ट्री के लोन में ब्याज आदि को कम करने के लिए कोई योजना लानी चाहिए। 

एक अन्य कारोबारी प्रकाश कटारमल ने कहा कि टैरिफ से पहले अमेरिका में भारत के पीतल पर 9 प्रतिशत तक की ड्यूटी लगती थी, लेकिन अब यह बढ़कर 59 प्रतिशत हो गई है। इससे देश की प्रतिस्पर्धा क्षमता पर भी असर होगा, क्योंकि वियतनाम और ताइवान जैसे देशों पर 18-25 प्रतिशत का टैरिफ लग रहा है। हमारी लागत इन देशों से कम है, लेकिन टैरिफ के कारण अमेरिका में हमारी चीजें महंगाई हो गई हैं। 

अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भी भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज बनी हुई है। 

अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून अवधि) में 7.8 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 6.5 प्रतिशत थी। 

एनएसओ के द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक, अप्रैल-जून अवधि में देश की रियल जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 44.42 लाख करोड़ रुपए थी।

समीक्षा अवधि में नॉमिनल जीडीपी करंट प्राइस में 86.05 लाख करोड़ रुपए रही है, जो कि वित्त वर्ष 25 की समान अवधि के आंकड़े 79.08 लाख करोड़ रुपए से 8.8 प्रतिशत ज्यादा है।
--आईएएनएस

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