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मुरुगप्पा ग्रुप की कंपनियों में 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन : अनिरुद्ध बहल

Source : business.khaskhabar.com | Dec 23, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 murugappa group companies involved in related party transactions exceeding rs 10000 crore aniruddha bahal 778354नई दिल्ली। कोबरा पोस्ट के संपादक अनिरुद्ध बहल ने मंगलवार को कहा कि हमने चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड और मुरुगप्पा ग्रुप की संबंधित कंपनियों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन पाया है, जो कि पूरी तरह से हितों के टकराव का मामला है।  

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए बहल ने कहा कि हमने जांच में पाया कि ऑडिटर्स काफी ज्यादा फीस ले रहे हैं। इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन ऑडिटर्स और रेटिंग देने वाली कंपनियों के साथ हितों का टकराव नहीं होना चाहिए। यहां ग्रुप से संबंधित कंपनियां ऑडिटर्स और रेटिंग देने वाली कंपनियों के साथ वित्तीय लेनदेन कर रहा है, जो कि साफ-साफ हितों के टकराव को दिखाता है। 

उन्होंने आगे कहा कि रिलेटेड-पार्टी ट्रांजैक्शन 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के हैं और हमने सिर्फ उसी पर ध्यान दिया है। हमें जो कैश डिपॉजिट मिले हैं, वे पूरी तरह से हैरान करने वाले हैं और हमारे लिए यह एक पूरी तरह से ग्रे एरिया बना हुआ है।

कोबरापोस्ट न्यूज वेबसाइट ने मंगलवार को आरोप लगाया कि लगभग एक दशक से, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड और मुरुगप्पा ग्रुप की संबंधित कंपनियों, परिवार के सदस्यों और प्रमुख मैनेजमेंट कर्मचारियों के नेटवर्क के जरिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का रिलेटेड-पार्टी ट्रांजैक्शन हुआ है, जिससे रेगुलेटरी और गवर्नेंस से जुड़ी चिंताएं बढ़ गई हैं।

कोबरापोस्ट ने एक बयान में आरोप लगाया, "हमारी जांच से यह भी पता चलता है कि इन फंड्स का कुछ हिस्सा आगे और ट्रांजैक्शन के जरिए भेजा गया, जिनकी प्रकृति और मकसद की बारीकी से रेगुलेटरी जांच होनी चाहिए। जांच में यह भी पाया गया है कि चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड ने पिछले छह सालों में 14 बैंकों में 25,000 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश जमा किए हैं। इनमें से आठ प्राइवेट संस्थाएं हैं और बाकी पब्लिक सेक्टर बैंक हैं। यह आंकड़े अनुमानित हैं और अगर किसी सक्षम वैधानिक अथॉरिटी द्वारा इनकी जांच की जाती है तो इनमें बदलाव हो सकता है।"

कोबरापोस्ट ने दावा किया कि उसकी जांच कानूनी फाइलिंग और पब्लिक डिस्क्लोजर की जांच पर आधारित है, जो "भारत की सबसे बड़ी लिस्टेड नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों में से एक, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड से जुड़े बड़े कैश ट्रांजैक्शन, संदिग्ध रिलेटेड पार्टी अरेंजमेंट, चौंकाने वाले कानूनी खुलासे और कंप्लायंस गैप का एक चिंताजनक पैटर्न" दिखाते हैं।

कोबरापोस्ट ने यह भी आरोप लगाया कि उसके एनालिसिस में कुछ क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां, ऑडिटिंग फर्म, ईशा फाउंडेशन जैसे नॉन-प्रॉफिट संगठन सामने आए हैं, जिन्हें चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड और मुरुगप्पा ग्रुप की दूसरी कंपनियों से फंड मिला है। 

हालांकि, मुरुगप्पा ग्रुप ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इन आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया और इन्हें गलत इरादों का नतीजा बताया।

--आईएएनएस

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