दीवालिया संहिता पारित होने से संभला शेयर बाजार
Source : business.khaskhabar.com | May 15, 2016 |
मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को खत्म हुए हफ्ते में ठीकठाक बढ़त देखने को मिली। इसमें दीवालिया संहिता के राज्यसभा में पारित होने का सबसे बड़ा योगदान रहा।
दीवालिया व दीवालियापन संहिता, 2015 के पारित होने से ऋणदाताओं को अपने फंसे हुए कर्ज की तेज वसूली में मदद मिलेगी। सप्ताह के पांच में तीन कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में बढ़ोतरी रही।
इस सप्ताह सेंसेक्स 261.07 अंक या 1.03 फीसदी बढक़र 25,489.57 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 81.45 अंक या 1.05 फीसदी बढक़र 7,814.90 पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 1.73 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और स्मॉलकैप सूचकांक 1.96 फीसदी बढक़र बंद हुआ। इन दोनों सूचकांकों ने सेंसेक्स से भी ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया।
वहीं, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सेकेंडरी इक्विटी मार्केट से चार कारोबारी सत्रों में 9 मई से 12 मई के बीच कुल 417.12 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
संसद में दीवालिया संहिता पारित होने के अलावा यूरोपीय बाजारों में तेजी के असर से सोमवार को बाजार में तेजी का माहौल रहा। सोमवार को सेंसेक्स 460.36 अंक या 1.82 फीसदी बढक़र 25,688.86 पर बंद हुआ।
मंगलवार को भी वैश्विक संकेतों के असर से बाजार तेजी पर बंद हुआ। सेंसेक्स 83.67 अंक या 0.33 फीसदी बढक़र 25,772.53 पर बंद हुआ, जो 27 अप्रैल 2015 के बाद सबसे अधिक है।
वहीं, बुधवार को भारत-मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय कर समझौते में संशोधन के कारण भविष्य में भारत में इक्विटी प्रवाह की चिंता से बाजार में गिरावट का रुख रहा। सेंसेक्स 175.51 अंक या 0.68 फीसदी गिरकर 25,597.02 पर बंद हुआ।
गुरुवार को दीवालिया संहिता, 2016 राज्यसभा में पारित होने और यूरोपीय बाजार में तेजी के असर से सेंसेक्स 193.20 अंक या 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 25,790.22 पर बंद हुआ।
वहीं, शुक्रवार को सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अप्रैल 2016 के आंकड़े आए जिसमें 5.39 फीसदी की तेजी थी। इसके कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अगले महीने जारी होने वाली मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं होने के कारण शेयर बाजार में गिरावट का रूख रहा। शुक्रवार को सेंसेक्स 300.65 अंक या 1.17 फीसदी गिरकर 25,489 पर बंद हुआ जो 6 मई 2016 के बाद सबसे निचला स्तर है।
जियोजित बीएनपी पारिबास फाइनेंसियल सर्विसेस के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने आईएएनएस को बताया, ‘‘पूरे हफ्ते उतार-चढ़ाव का वातावरण रहा। वहीं, माॉरीशस कर समझौते में और पी-नोट्स नियम में संशोधन से निवेशकों को एफआईई निवेश के वापस जाने की चिंता सताने लगी, जिससे बाजार में गिरावट आई।’’
(आईएएनएस)