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पुतिन की भारत यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को मिलेगा बढ़ावा, 2030 तक व्यापार 100 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद :फियो

Source : business.khaskhabar.com | Nov 28, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 putins visit to india will boost bilateral relations trade expected to reach $100 billion by 2030 fieo 771572नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी भारत यात्रा और उसके साथ होने वाला भारत-रूस बिजनेस फोरम, दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने और गहरा करने के लिए एक सही मंच है। यह बयान फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन्स (फियो) की ओर से शुक्रवार को दिया गया।  

23वीं भारत-रूस वार्षिक समिट के लिए पुतिन 4-5 दिसंबर तक भारत के दौरे पर रहेंगे। 

ताजा व्यापारिक आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 26 की अप्रैल-अगस्त अवधि में भारत का रूस को निर्यात करीब 1.84 अरब डॉलर रहा है, जबकि रूस से आयात 26.45 अरब डॉलर रहा है। 

इससे पहले, वित्त वर्ष 2024-25 में रूस के साथ भारत का वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार रिकॉर्ड 68.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें निर्यात लगभग 4.88 बिलियन डॉलर और आयात 63.84 बिलियन डॉलर था, जिसमें मुख्य रूप से कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक और अन्य कच्चे माल शामिल थे।

फियो के अनुसार, 2021 से शुरू होकर पिछले चार वर्षों में वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार पांच गुना से अधिक बढ़कर लगभग 13 अरब डॉलर से 2024-25 में 68 अरब डॉलर हो गया है।

इसके साथ ही, दोनों देशों की ओर से आपसी व्यापार को 2030 तक 100 अरब डॉलर ले जाने का लक्ष्य रखा है। 

फियो के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन ने कहा कि भारत के पास फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि-उत्पाद, ऑटो और ऑटो-कंपोनेंट्स तथा आईटी सेवाओं जैसे क्षेत्रों में रूस को निर्यात बढ़ाने के कई अवसर हैं।

रल्हन ने आगे कहा, "इसके अलावा, रूस से कई पश्चिमी कंपनियों के बाहर निकलने से भारतीय निर्यातकों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में खालीपन भरने का एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा हुआ है।"

उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय निवेश अभी भी महत्वपूर्ण बना हुआ है और पिछले कुछ वर्षों में इसमें वृद्धि हुई है, जिसका लक्ष्य 2025 तक 50 अरब डॉलर का है।

भारत में रूसी निवेश तेल एवं गैस, पेट्रोकेमिकल्स, बैंकिंग, रेलवे और इस्पात जैसे क्षेत्रों में है, जबकि रूस में भारतीय निवेश मुख्य रूप से तेल एवं गैस तथा फार्मास्यूटिकल्स में है।

रल्हन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) जैसे लॉजिस्टिक्स गलियारों के पुनरुद्धार और विस्तार ने भी राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को अधिक लागत प्रभावी बना दिया है।

--आईएएनएस

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