एफपीआई की लिवाली से इस सप्ताह बाजार को मिलेगी दिशा
Source : business.khaskhabar.com | Sep 22, 2019 | 

मुंबई। बाजार में पूंजी प्रवाह बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के मकसद से बीते सप्ताह केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बाद आगामी कारोबारी सप्ताह के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के निवेश के प्रति रुझानों से घरेलू शेयर बाजार को दिशा मिलेगी। इसके अलावा, कतिपय दूसरे घरेलू व विदेशी कारकों व घटनाक्रमों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल का भी भारतीय शेयर बाजार पर असर दिखेगा। हालांकि, सितंबर सीरीज के फ्यूचर एंड ऑप्शन अनुबंधों की एक्सपायरी इस सप्ताह 26 सितंबर को होने के कारण कारोबार में अस्थिरता बनी रह सकती है, क्योंकि कारोबारी अगले महीने के अनुबंधों में अपना पोजीशन बनाएंगे।
घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने शुक्रवार को दिनभर के कारोबारी सत्र के दौरान निवल 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया।
विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों (एफपीआई) में भी भारतीय बाजार में निवेश के प्रति सकारात्मक रुझान दिखा। इससे पहले पांच सत्रों के दौरान वे जहां विकवाली कर रहे थे, वही शुक्रवार को उन्होंने भी लिवाली शुरू कर दी। एफपीआई का निवल निवेश हालांकि महज 35.78 करोड़ रुपये रहा।
बीते कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के साथ-साथ निवेश आकर्षित करने के मकसद से कई अन्य फैसलों का एलान किया, जिससे बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में 2200 अंक से ज्यादा का उछाल आया और डॉलर के मुकाबले रुपये में 65 पैसे की जोरदार तेजी आई। हालांकि सत्र के आखिर में सेंसेक्स 1921.15 अंकों यानी 5.32 फीसदी की बढ़त के साथ 38,014.62 पर बंद हुआ और रुपया 38 पैसे की मजबूती के साथ 70.94 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी शुक्रवार को जोरदार उछाल के साथ 11,381.90 के ऊंचे स्तर को छूने के बाद 569.40 अंकों यानी 5.32 फीसदी की बढ़त के साथ 11,274.20 पर बंद हुआ।
वित्तमंत्री ने शुक्रवार को उन घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 22 फीसदी करने की घोषणा की, जो किसी प्रकार की छूट व प्रोत्साहन का दावा नहीं करती हैं।
इसके अलावा इन कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) का भुगतान करने की भी जरूरत नहीं होगी। इस प्रकार इन कंपनियों पर प्रभावी कर की दर 25.17 फीसदी होगी, जिसमें उपकर व सरचार्ज भी शामिल हैं।
बीते सप्ताह के आखिर में शुक्रवार को गोवा में हुई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक में भी वित्तमंत्री ने छोटे कारोबारियों व आम उपभोक्ताओं के लिए कई राहतों का एलान किया, जिसका असर अगले सप्ताह बाजार में दिखेगा।
इसके अलावा, कई विदेशी कारकों व आंकड़ों से भी बाजार को दिशा मिलेगी। अमेरिका में सितंबर महीने का मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और सर्विसेज पीएमआई के आंकड़े सोमवार को जारी होंगे। (आईएएनएस)
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