businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

किराये की जमीन पर खेती की नयी इबारत लिख रहे गोरखपुर के धर्मेंद्र

Source : business.khaskhabar.com | Dec 03, 2023 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 dharmendra of gorakhpur is writing a new story of farming on rented land 603570लखनऊ ।  यूपी के गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र के उनौला गांव के धर्मेंद्र सिंह बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में रुचि रखने वाले हैं। जैसे जैसे बड़े हुए उनकी रुचि साहित्य की ओर होती गयी। राजनीतिशास्त्र से स्नातकोत्तर कर लिया, लेकिन समय का चक्र ऐसा घूमा कि उनके जीवन की केमेस्ट्री कृषि से जुड़ गयी।

इतना ही नहीं, सिर्फ एक एकड़ जमीन के मालिक इस युवा ने किराये की जमीन से अपना भविष्य लिखना शुरू कर दिया। अब यह कृषि विविधिकरण की मिसाल बन चुके हैं।

धर्मेंद्र की मेहनत और लगन का अंदाजा केवल इस बात से लगाई जा सकता है कि अब उनका उपजाया हुआ केला काठमांडू जा रहा है तो रिलायंस जैसी कंपनी भी उनका ग्राहक है।

16 एकड़ की खेती करने वाले धर्मेंद्र की सालाना आमदानी 20 लाख रुपये से अधिक है।

कृषि विविधिकरण की मिसाल बन चुके धर्मेंद्र पॉली हाउस में जरबेरा और खीरे की संरक्षित खेती करते हैं। लगभगा 16 एकड़ में केला, स्ट्राबेरी, ड्रैगन फ्रूट, पपीता, सीजन में लता वर्ग की उगाते हैं। धर्मेंद्र का उपजाया हुआ केला काठमांडू और फरीदाबाद स्थित रिलायंस के स्टोर तक जा चुका है।

परिवार के लिए शुद्ध तेल मिलना मुश्किल है। इसलिए यह सिर्फ सरसों की फसल लेते हैं। वह भी एक या दो सीजन के अंतराल पर। किराये की जमीन से संवर रही खेती बकौल धर्मेंद्र, उनकी निजी जमीन सिर्फ एक एकड़ है। बाकी पट्टे या किराये की है।

साल भर में इस खेती से उनको करीब 20 लाख रुपये की आय हो जाती है।

बकौल धर्मेंद्र, वे अपनी खेती से वर्ष भर में लगभग 6000 मानव रोजगार दिवस सृजित करते हैं। हर रोज उनके खेत में 7 महिलाएं, 5 पुरुष काम करते मिल जाएंगे। माल ले जाने के लिए चार व्यापारी भी आते हैं।

गोरखनाथ मंदिर के शैक्षिक प्रकल्प महाराणा प्रताप महाविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट और कंप्यूटर में डिप्लोमा करने वाले धर्मेंद्र कहते हैं कि खेती में पूंजी एक साथ नहीं लगती। अन्य व्यवसाय में शुरू में ही पूंजी निवेश करना होता है। पूंजी नहीं थी, लिहाजा खेती ही बेहतर विकल्प लगी। शुरू में उत्पाद बेंचने में समस्या आई। किन्तु, एक बार जब आपकी और उत्पाद के गुणवत्ता की साख बन जाने पर व्यापारी खेत से ही उसे उठा लेते हैं।

उन्होंने कहा, इधर योगी सरकार में किसानों को केंद्र में रखकर अनेक योजनाएं चल रहीं हैं। किसानों को लाभ उठाना चाहिए। मैने अनुदान पर पॉवर ट्रिलर लिया। ड्रिप लगवाने पर भी 90 प्रतिशत अनुदान मिला। संरक्षित खेती के लिए पॉली हाउस बनवाने पर भी अनुदान मिला है। वैज्ञानिक खेती कर खुशहाल रहा जा सकता है। रोजगार भी दे सकते हैं। अब मेरी आय 20 लाख सालाना है।

--आईएएनएस


[@ शाम को ना करें ये काम, वरना हो जाएंगे कंगाल]


[@ सजा-ए-मौत से बचने के लिए जेल में हुई प्रेग्नेंट]


[@ मां-बाप का गाना सुन कोमा से जागी 4साल की बच्ची ]