बैंकों का फंसे कर्ज का दबाव होगा कम, उम्मीद की किरण...
Source : business.khaskhabar.com | Nov 03, 2015 | 

नई दिल्ली। फिच रेटिंग्स ने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में चालू वित्त वर्ष के दौरान फंसे कर्ज (एनपीएल) में नरमी आएगी। साथ ही कहा कि उसकी परिसंपत्ति गुणवत्ता में कुछ उम्मीद की किरण दिखने लगी है।
एजेंसी ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली की संपत्ति गुणवत्ता संबंधी रपट में कहा "फिच रेटिंग्स को उम्मीद है कि भारतीय बैंकों की दबावग्रस्त परिसंपत्ति अनुपात चालू वित्त वर्ष में आंशिक रूप से सुधरकर 10.9 प्रतिशत रह जाएगा जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 11.1 प्रतिशत था।" फिच रेटिंग्स ने कहा कि चक्रीय सुधार के साथ फंसे कर्ज यानी गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) की वृद्धि कम होगी और ऋण वृद्धि में थोडी तेजी से मदद मिलेगी।
एजेसी ने कहा "ढांचागत रूप से कमजोर क्षेत्र पर दबाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है हालांकि हमारा मानना है कि बैंक पुनर्गठन के उपलब्ध तरीकों और क्षेत्र विशेष के लिए ऋण के पुनर्निधारण का उपयोग करेगे।" फिच ने अटकी पडी योजनाओं को मंजूरी देने की जरूरत को भी यह कहते हुए रेखांकित किया कि तेजी से समाधान से इस क्षेत्र के पुनरद्धार पर बेहतर असर हो सकता है, पूंजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और बैंकों को ब्याज दर में कटौती का फायदा देने में ज्यादा लचीलापन का माहौल मिलेगा।