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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.03 अरब डॉलर बढ़कर 698.26 अरब डॉलर हुआ, गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा

Source : business.khaskhabar.com | Sep 13, 2025 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 india foreign exchange reserves increased by 403 billion to $ 69826 billion gold reserve also increased 752437नई दिल्ली । भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5 सितंबर को समाप्त हुए हफ्ते में सालाना आधार पर 4.03 अरब डॉलर बढ़कर 698.26 अरब डॉलर हो गया है। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को दी गई।  
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार बढ़त देखी जा रही है। पिछले महीने विदेशी मुद्रा भंडार 3.51 अरब डॉलर बढ़कर 694.2 अरब डॉलर हो गया है।
आरबीआई के डेटा के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) का मूल्य 54 करोड़ डॉलर बढ़कर 584.47 अरब डॉलर हो गया है।
विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों के मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव डॉलर के रूप में शामिल होता है।
समीक्षा अवधि में विदेशी मुद्रा भंडार के अहम घटकों में से एक गोल्ड रिजर्व 3.53 अरब डॉलर बढ़कर 90.29 अरब डॉलर हो गया। भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के बीच, दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सुरक्षित निवेश के रूप में गोल्ड के रिजर्व को तेजी से बढ़ा रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने के शेयर को 2021 से लगभग दोगुना कर लिया है।
केंद्रीय बैंक के डेटा के मुताबिक, समीक्षा अवधि में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) की वैल्यू 18.74 अरब डॉलर रह गई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत की रिजर्व पोजीशन भी 20 लाख डॉलर बढ़कर 4.75 अरब डॉलर हो गई है।
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई को रुपए को तेजी से गिरने से रोकने और उसकी अस्थिरता को कम करने के लिए ज्यादा डॉलर जारी करके हाजिर और अग्रिम मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करने में सक्षम बनाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने अगस्त में कहा था कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने से ज्यादा के माल आयात और लगभग 96 प्रतिशत बकाया विदेशी ऋण के लिए पर्याप्त है।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, "अनिश्चित वैश्विक नीतिगत माहौल के बावजूद, जुलाई और वित्त वर्ष 2026 में भारत के सेवा और व्यापारिक निर्यात में अब तक मजबूत वृद्धि हुई है और यह वैश्विक निर्यात वृद्धि से कहीं अधिक है।"
--आईएएनएस
 

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