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भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में महत्वपूर्ण संभावनाएं, एडवांस्ड एनालिटिक्स-ड्रिवन प्राइसिंग की ओर बढ़ रही कंपनियां : रिपोर्ट

Source : business.khaskhabar.com | Sep 09, 2025 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 significant potential in india industrial goods sector companies moving towards advanced analytics driven pricing report 751192नई दिल्ली । भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 40 प्रतिशत से कम कंपनियां वर्तमान में डेटा-ड्रिवन प्राइसिंग रणनीतियों का उपयोग करती हैं, जिससे भविष्य में विकास की अपार संभावनाएं बनी हुई हैं। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
 
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि एडवांस्ड एनालिटिक्स-ड्रिवन प्राइसिंग की ओर बढ़ रही ये कंपनियां भारत के 750 अरब डॉलर के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में महत्वपूर्ण संभावनाओं को अनलॉक कर सकती हैं।
यह सेक्टर वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 13 प्रतिशत का योगदान देता है, लेकिन आउटडेटेड प्राइसिंग प्रथाओं के कारण वैश्विक प्रतिस्पर्धियों से पिछड़ रहा है। 
फर्म ने यह भी बताया कि आजकल अधिक भारतीय कंपनियां अपनी कीमतों को एडजस्ट कर रही हैं और पिछले वर्षों की तुलना में बाजार में बदलावों के प्रति अधिक जागरुक हो रही हैं।
स्टडी से जानकारी मिली है कि 60 प्रतिशत से अधिक कंपनियां ट्रेडिशनल कॉस्ट-प्लस प्राइसिंग और यूनिफॉर्म लिस्ट प्राइसिंग पर निर्भर हैं। 
वहीं, 40 प्रतिशत से कम कंपनियां डेटा-ड्रिवन, कंज्यूमर या डील-स्पेसिफिक प्राइसिंग रणनीतियों का इस्तेमाल करती हैं। 
ग्लोबल प्लेयर्स तेजी से एडवांस्ड एनालिटिक्स, रीयल टाइम इंटेलिजेंस, एआई-ड्रिवन इनसाइट और वैल्यू बेस्ड प्राइस रणनीतियों का इस्तेमाल कर रही हैं।
बीसीजी में पार्टनर और डायरेक्टर - प्राइसिंग प्रैक्टिस के एपीएसी हेड किरण पुदी ने कहा, "भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में मूल्य निर्धारण मुख्यतः एक बैक-ऑफिस कार्य बना हुआ है, जिसमें सीमित कार्यकारी स्वामित्व और यूनीफॉर्म लिस्ट प्राइसिंग पर निर्भरता बनी हुई है। वैश्विक प्रतिस्पर्धी कंपनियां विकास और मार्जिन को बढ़ाने के लिए एनालिटिक्स, रीयल-टाइम इंटेलिजेंस और वैल्यू-बेस्ड रणनीतियों द्वारा संचालित डायनैमिक प्राइसिंग निर्धारण की ओर रुख कर रही हैं।"
कंपनी ने कहा कि इंडस्ट्री लीडर्स को प्राइसिंग को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ का एक सही स्रोत बनाने के लिए एडवांस्ड प्राइसिंग मॉडल्स, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और संगठनात्मक डिजाइन में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।
विश्लेषकों ने कहा है कि कैपिटल गुड्स और इंडस्ट्रियल इनपुट पर जीएसटी दर में कटौती से मैन्युफैक्चरिंग लागत में कमी आएगी।
सरकार के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) पर आधारित भारत की इंडस्ट्रयिल ग्रोथ जुलाई में चार महीने के उच्चतम स्तर 3.5 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के मजबूत प्रदर्शन का परिणाम है। इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट जून के 1.5 प्रतिशत से जुलाई में तेज हुई है।




--आईएएनएस


 

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