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Commodities News
खाद्यान्न के साथ औषधीय पौधों, सब्जी उत्पादन से किसान होंगे सशक्त : टंडन
बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने यहां गुरुवार को कहा कि खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ फल, फूल, सब्जी, सुगंधित एवं औषधीय पौधों के...
चाय के निर्यात में 2018 में मामूली गिरावट
देश के चाय निर्यात में साल 2018 में मामूली गिरावट दर्ज की गई, जोकि 24.91 करोड़ किलोग्राम रही, जबकि इसके एक साल पहले 25.19 करोड़...
सोने-चांदी में निवेश का साल होगा : कार्वी
वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास पर छाए अनिश्चितता के बादल के बीच इस साल सोने-चांदी जैसी महंगी धातुओं में जबरदस्त तेजी देखने को...
चालू गन्ना सत्र के 4 महीनों में चीनी उत्पादन 185.19 लाख टन : इस्मा
चालू गन्ना पेराई सत्र 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के शुरुआती चार महीनों में चीनी का उत्पादन 185.19 लाख टन हो चुका है, जोकि पिछले साल...
आलू, प्याज, टमाटर का उत्पादन 2018-19 में बढऩे का अनुमान
इस साल आलू, प्याज और टमाटर के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले वृद्धि होने का अनुमान है। केंद्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान...
सोना कॉमेक्स पर साढ़े 10 महीने के उंचे स्तर पर
डॉलर में आई कमजोरी की वजह से अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर पिछले चार दिनों से लगातार तेजी का रुख बना हुआ...
‘किसानों के हक में है दलहनों के आयात पर प्रतिबंध’
ऑल इंडिया दाल मिल एसोशिएसन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दाल आयात
बिकवाली के दबाव के चलते चने के भाव में नरमी
बिकवाली के दबाव में सोमवार को फिर चने के हाजिर और वायदा भाव में नरमी देखी गई। पिछले दिनों देश में जगह-जगह हुई बारिश से...
रबी फसलों की खेती पिछले साल से करीब 5 फीसदी पिछड़ी
चालू रबी सीजन में बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले 4.90 फीसदी घट गया है। रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं, चना, मसूर मक्का, ज्वार...
अमूल डेयरी का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी, गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड ने मंगलवार को ऊंटनी...
इस्मा ने घटाया चीनी उत्पादन अनुमान
निजी चीनी मिलों के शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने चालू गन्ना पेराई सत्र 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी...
रबी फसलों का रकबा पिछले साल से 4.82 फीसदी घटा
चालू रबी बुवाई सीजन में गेहूं और चना सहित अधिकांश दलहन, तिलहन और मोटे अनाज का रकबा पिछले रबी सीजन के मुकाबले घट...
देश में 30 फीसदी बढ़ सकता है दूध उत्पादन
भारत दूध उत्पादन में अग्रणी देशों में शुमार है। यह तब है जब मस्टाइटिस बीमारी की वजह से दूध उत्पादन पर खासा असर पड़ता है और अगर...
गेहूं, चना समेत ज्यादातर रबी फसलों का रकबा घटा
इस साल सरसों को छोड़ सभी प्रमुख रबी फसलों की बुवाई पिछले साल से कम हुई है।देशभर में रबी फसलों की बुवाई के ताजा आंकड़ों के...
चालू सीजन में 300 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान : एनएफसीएसएफ
राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) ने कहा है कि देश में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन
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जीएसटी सुधारों के कारण वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी : रिपोर्ट
जीएसटी सुधारों से 3 किलोवाट के रूफटॉप सोलर सिस्टम की कीमत में आएगी 10,500 रुपए तक की कमी
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
डा. रत्नेश लाल आईडीएसए के चेयरमैन, अपराजिता सरकार वाईस चेयरमैन निर्वाचित
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने के बीच दो सप्ताह बाद रुपया 88 के नीचे मजबूत खुला
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