कश्मीर में इस साल घट सकती है सैफ्रॉन की पैदावार, तेजी के आसार
Source : business.khaskhabar.com | Aug 30, 2024 |
- रामबाबू सिंघल - जयपुर। कश्मीर की घाटियों में इस बार मौसम प्रतिकूल होने से केसर (सैफ्रॉन) का उत्पादन घटने की खबरें आ रही हैं। हालांकि स्थानीय ड्राई फ्रूट मार्केट में बेबी केसर के थोक दाम 220 रुपए प्रति ग्राम के आसपास स्थिर बोले जा रहे हैं।
जानकारों के मुताबिक चार माह से केसर की कीमतें तकरीबन स्थिर बनी हुई हैं। इसके अलावा 15 सितंबर से 15 अक्टूबर की लोडिंग में काफी मात्रा में केसर बिकी हुई है। इन सब कारणों को देखते हुए केसर में 15 से 20 रुपए प्रति ग्राम की तेजी बन सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार ईरान से इस बार केसर की आवक 30 प्रतिशत कम हुई है। पंजाब के अमृतसर, लुधियाना तथा जालंधर मंडी में केसर का स्टॉक नगण्य बताया जा रहा है।
उधर कानपुर में भी केसर का ज्यादा स्टॉक नहीं है। इंदौर तथा ग्वालियर में जहां केसर का भरपूर स्टॉक होता था, वहां भी इस साल ज्यादा नहीं बचा है। केसर की नई फसल आने में करीब ढाई महीने बाकी हैं।
बता दें ईरान के बाद भारत केसर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसे और बढ़ाने के लिए सरकार काफी प्रयास कर रही है। भारत में कश्मीर के पंपोर क्षेत्र में सबसे ज्यादा केसर की पैदावार होती है।
सरकार ने 13 साल पहले शुरू किया था राष्ट्रीय केसर मिशनः भारत सरकार ने केसर के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2010-11 में राष्ट्रीय केसर मिशन शुरू किया था। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत लॉन्च किए गए इस मिशन का उद्देश्य कश्मीर के लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करना था।
कश्मीर में केसर की बुआई मार्च-अप्रैल में की जाती है तथा नवंबर से इसके फूल तोड़े जाते हैं। इसके बैंगनी रंग के फूलों से केसर निकाला जाता है। फूल से निकाला गया केसर देखने में पतले-पतले धागों की तरह होता है। एक ग्राम केसर निकालने के लिए 160 से 180 फूलों की जरूरत होती है। एक हैक्टेयर खेती में दो से पांच किलो तक केसर का उत्पादन होता है।
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