भारती में हिस्सेदारी बेच देगा वोडाफोन!
Source : business.khaskhabar.com | May 25, 2014 | 

नई दिल्ली। ब्रिटेन का वोडाफोन समूह भारती एयरटेल में अपनी 4.4 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकता है। वोडाफोन के एक शीर्ष कार्यकारी ने कहा कि यदि नियमों के तहत दूरसंचार परिचालकों को प्रतिस्पर्धी कंपनियों में हिस्सेदारी रखने की मंजूरी नहीं होगी, तो वोडाफोन भारती एयरटेल में अपनी हिस्सेदारी बेच देगी। वोडाफोन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी मार्टन पीटर्स ने कहा कि यह हिस्सेदारी हमारे पास नहीं है, यह वोडाफोन समूह के पास है इसलिए हमें इसके बारे में पता नहीं है, मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि यदि कानून के तहत हमें यह हिस्सेदारी रखने की मंजूरी नहीं है तो हम नहीं रखेंगे। हम भारती की 4.4 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने के लिए अपना भारतीय कारोबार नहीं बेचेंगे।
पिछले साल दूरसंचार मंत्रालय को लिखे पत्र में वोडाफोन ने कहा था कि उसके पास अप्रत्यक्ष रूप से भारती एयरटेल की 4.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि कंपनी देश के कानून-कायदे का पालन करेगी और यदि कानून यह कहता है कि वोडाफोन अब हिस्सेदारी नहीं रख सकती, तो समूह को इसके लिए खरीदार ढूंढना होगा। नए कानून के तहत प्रतिस्पर्धी कंपनियां में हिस्सेदारी रखने पर पाबंदी है। ब्रिटेन के समूह की अनुषंगी वोडाफोन इंडिया और भारती एयरटेल दोनों दूरसंचार सेवा प्रदान करती हैं।
सरकार द्वारा जारी नए मानदंड के मुताबिक वोडाफोन को एयरटेल की सारी हिस्सेदारी बेचनी पडेगी जिसके तहत दूरसंचार कंपनी को एकीकत लाइसेंस में प्रतिस्पर्धी कंपनियों में किसी तरह की हिस्सेदारी रखने पर पाबंदी है। वोडाफोन और एयरटेल फिलहाल एकीकत पहुंच सेवा लाइसेंस (यूएएसएल) या 2जी लाइसेंस के तहत परिचालन करती हैं जिसके मुताबिक दूरसंचार कंपनियों को अन्य कंपनियों में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति है। हालांकि नए नियम के अनुसार पूर्व लाइसेंस प्रक्रिया के तहत परिचालन करने वाली दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को परमिट समाप्त होने पर नया लाइसेंस प्राप्त करना होगा और उन्हें एकीकृत लाइसेंस प्राप्त करने के साल भर के भीतर अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचनी पडेगी। वोडाफोन ने दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के लिए एकीकत लाइसेंस का आवेदन किया है।