खुदरा महंगाई दर में वृद्धि,6 फीसदी के भी
पार
Source : business.khaskhabar.com | Aug 12, 2016 | 

नई दिल्ली। भारत की सालाना खुदरा मुद्रास्फीति दर जुलाई में छह फीसदी को भी
पार कर गई जो सरकार के सब्र का आधिकारिक स्तर है। इसका मुख्य कारण
खाने-पीने की वस्तुओं खासतौर से दालों और सब्जियों की कीमतों में हुई
बेतहाशा वृद्धि है।
राहत की बात यह रही कि जून में औद्योगिक उत्पादन में 2.1 फीसदी की वृद्धि
हुई है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई)
के आंकडों के अनुसार खुदरा मंहगाई दर पिछले 23 महीनों के उच्चतम स्तर पर
रही। जून में यह जहां 5.77 फीसदी थी, वहीं पिछले साल यह समान अवधि में 3.69
फीसदी थी।
ग्रामीण क्षेत्र में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 6.66 फीसदी रही जबकि शहरी
क्षेत्रों में यह 5.39 फीसदी रही। वहीं, खुदरा मुद्रास्फीति की सालाना दर
समूचे भारत में 8.35 फीसदी रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 8.25 फीसदी और
शहरी क्षेत्रों में 8.80 फीसदी रही।
खाद्य पदार्थो में सालाना आधार पर दालों की कीमतों में 27.53 फीसदी,
सब्जियों की 14.06 फीसदी की बढोतरी रही। आधिकारिक आंकडों में आगे कहा गया
है कि चीनी और मिठाइयों की कीमतों में सालाना आधार पर 21.91 फीसदी वृद्धि
हुई, जबकि मसालों की कीमतों में 9.04 फीसदी की वृद्धि हुई।
सालाना आधार पर
प्रोटीन आधारित खाद्य पदाथोंü जैसे मांस-मछली की कीमतों में 6.57 फीसदी और
अंडे की कीमत में 9.34 फीसदी की बढोतरी हुई।
राज्यों में असम में खुदरा मुद्रास्फीति की दर सबसे कम 3.50 फीसदी रही।
उसके बाद हिमाचल प्रदेश में 4.26 फीसदी रही जबकि सबसे ज्यादा महंगाई वाले
राज्यों में ओडिशा में 8.63 फीसदी और गुजरात में 8.18 फीसदी रही।
औद्योगिक
उत्पादन (आईआईपी) में जून में 2.1 फीसदी की बढोतरी हुई, जोकि इस साल मई में
1.1 फीसदी थी। जबकि पिछले साल के मुकाबले इसमें 4.2 फीसदी की वृद्धि हुई
है।
आईआईपी के तीन प्रमुख उपवर्गो के सूचकांकों में बिजली में सर्वाधिक 8.3
फीसदी की बढोतरी हुई। इसके बाद खनन में 4.7 फीसदी वृद्धि हुई। आईआईपी में
सर्वाधिक 75 फीसदी हिस्सेदारी वाले विनिर्माण सूचकांक में अपेक्षाकृत कम
केवल 0.9 फीसदी की बढोतरी हुई।
(आईएएनएस)