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भारत में प्रॉपटेक में निवेश 2030 तक 16 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद

Source : business.khaskhabar.com | Dec 03, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 investment in proptech in india expected to reach $16 billion by 2030 687118मुंबई । देश में किफायती घरों की बढ़ती मांग के कारण प्रॉपटेक में निवेश 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 2030 तक 16 अरब डॉलर पहुंच सकता है। 2023 में यह 6 अरब डॉलर था। यह जानकारी सोमवार की जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।  

वैश्विक प्रॉपटेक मार्केट में 2023 में करीब 50 अरब डॉलर का निवेश हुआ है, जिसमें कुल जुटाई गई फंडिंग में भारत छठे स्थान पर रहा। अकेले 2023 में सभी मान्यता प्राप्त भारतीय स्टार्टअप्स में प्रॉपटेक की हिस्सेदारी 6 प्रतिशत थी।

नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, "टेक्नोलॉजी उद्योगों में विकास को आगे बढ़ाती है। प्रॉपटेक में बढ़ता निवेश भारत के लिए क्रांतिकारी है, इससे सस्टेनेबिलिटी को सपोर्ट मिलेगा और रियल एस्टेट उद्योग को लाभ होगा। भारत जैसी बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए प्रॉपटेक फायदेमंद और अनिवार्य दोनों है।"

भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र की वैल्यू 258 अरब डॉलर है और देश की 3,540 अरब डॉलर की जीडीपी में इसका योगदान 7.3 प्रतिशत है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि सेक्टर के बड़े आकार के बावजूद किफायती आवास की तत्काल आवश्यकता है। प्रमुख शहरों में तेजी से शहरीकरण और संपत्ति की कीमतों में इजाफा हुआ है, जिसने मध्यम आय वर्ग सहित कई लोगों के लिए आवास को गैरकिफायती बना दिया है।

ब्रिगेड ग्रुप के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, निरूपा शंकर ने कहा, "युवा पेशेवरों की संख्या में इजाफे के कारण बढ़ती शहरी आवास मांग किफायती, भविष्य के लिए तैयार लीविंग सॉल्यूशंन बनाने के लिए रणनीतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास, सस्टेनेबल प्रैक्टिस और ट्रांसफॉरमेटिव टेक्नोलॉजी की आवश्यकता को रेखांकित करती है।"

किफायती घरों को बढ़ावा देने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास महत्वपूर्ण है। पिछले 10 वर्षों में देश के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह टियर 2 कस्बों और प्रमुख शहरों के बाहरी इलाकों को रोजगार केंद्रों के करीब ला रहा है और किफायती आवास के विकास को बढ़ावा दे रहा है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि आईओटी, स्मार्ट सेंसर और सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन मटेरियल जैसी टेक्नोलॉजी हरित, अधिक कुशल इमारतें बनाने में मदद कर रही हैं।

--आईएएनएस

 

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