खाद्य वस्तुओं की कीमतों मे हो सकती है बढोत्तरी
Source : business.khaskhabar.com | Jun 16, 2014 | 

नई दिल्ली। मई में मुद्रास्फीति बढकर 5 माह के उच्च स्तर पर पहुंचने के मद्देनजर उद्योग जगत ने सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी बहाल करने के लिए बढती महंगाई पर काबू पाना सबसे महत्वपूर्ण है। फिक्की के अध्यक्ष सिद्धार्थ बिडला ने कहा कि खाद्य एवं ईंधन की कीमतें महंगाई बढाने में मुख्य कारक हैं, इसलिए मुद्रास्फीति में वृद्धि का जोखिम बना हुआ है।
मानसून सामान्य से कम रहने से आगे चलकर खाद्य कीमतों पर और दबाव रह सकता है। अन्य उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने मुद्रास्फीति में वृद्धि को चिंता का कारण बताते हुए कहा कि औद्योगिक उत्पादन में तेजी बहाल करने के लिए कीमतों में वृद्धि पर अंकुश लगाना सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि ऊंची मुद्रास्फीति के चलते ही ब्याज दरें सख्त बनी हुई हैं जिससे उद्योग के लिए पूंजी की लागत बढी है।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार को एक बहुआयामी नजरिया अपनाने पर विचार करना चाहिए जिसमें आदर्श एपीएमसी कानून को लागू करना, उन्नत आपूर्ति श्रृंखला विकसित करना, एमएसपी में आधुनिकीकरण प्रभावी करना शामिल है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला इस समय बहुत लंबी है जिसमें कई बिचौलिए हैं। बिचौलियों को हटाने और किसानों को सीधे संगठित प्रसंस्करणकर्ताओं, खुदरा विक्रेताओं व निर्यातकों से जोडने की जरूरत है।