दाल हुई सस्ती : सरकार का दावा, बाजार असहमत
Source : business.khaskhabar.com | Nov 20, 2015 |
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरूवार को कहा कि जमाखोरी के खिलाफ राज्यों में चलाए जा रहे अभियानों और नई फसल के बाजार में आने से दाल सस्ती हुई है, मगर बाजार इस दावे से सहमत नहीं है। बाजार का कहना है कि खुदरा कीमतें सरकार के दावे की पुष्टि नहीं कर रही हैं। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ""राज्यों से आ रही बाजार रिपोर्टो के मुताबिक दाल की खुदरा कीमतें घट रही हैं।
जमाखोरी के विरूद्ध अभियानों के दौरान जब्त दाल को बाजार में पहुंचाने की प्रक्रिया तेज की जा रही है।"" बयान में कहा गया है, ""नई फसल का बाजार में आना भी शुरू हो गया है। इससे भी कीमत घटने में मदद मिलेगी।"" बयान में कहा गया है कि अरहर की कीमत पिछले सप्ताह 3.59 फीसदी घटकर 18 नवंबर को प्रति किलो 152.11 रूपये रह गई, जो पहले 157.77 रूपये थी। बयान के मुताबिक, उ़डद की कीमत प्रति किलोग्राम 6.08 फीसदी घटकर बुधवार को 141.28 रूपये हो गई है। खुदरा बाजार का आंक़डा हालांकि कुछ और है। ऑनलाइन रिटेल स्टोर बिग बास्केट एक किलोग्राम के अरहर दाल का पैकेट 201 रूपये और दो किलोग्राम का पैकेट 375 रूपये की दर से बेच रही है। रिलायंस फ्रेश में अरहर दाल की कीमत 219 रूपये प्रति किलोग्राम है। अन्य खुदरा स्टोरों में भी अरहर दाल की कीमतें 190 रूपये से 230 रूपये के बीच हैं।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा अक्टूबर महीने के लिए जारी थोक महंगाई दर के आंक़डे के मुताबिक भी साल-दर-साल आधार पर दाल 52.98 फीसदी महंगा हुआ है। पिछले महीने की तुलना में भी यह 9.17 फीसदी महंगा हुआ है। इस दौरान प्याज और टमाटर की कीमत भी आसमान छू रही है। बुधवार को मंत्रिमंडल सचिव पी.के. सिन्हा ने अंतर-मंत्रालय बैठक में दाल, प्याज, खाद्य तेल और टमाटर जैसे आवश्यक वस्तुओं की कीमतों और उपलब्धता की समीक्षा की। बैठक के बाद जारी बयान में सिन्हा ने कहा, ""यह पाया गया है कि टमाटर और प्याज की कीमत दक्षिण राज्यों में भारी बारिश के बार आपूर्ति बाधित होने से बढ़ी है, जो अल्पकालिक समस्या है।"" बयान में कहा गया है, ""आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है।""
(IANS)