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निजी निवेश को बढ़ावा, बैंकों की प्रगति मुख्य चिंता : जेटली

Source : business.khaskhabar.com | Sep 23, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 boosting private investment banks growth major concerns jaitley 258418मुंबई। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि निजी निवेश को बढ़ावा देना और आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए बैंकिंग प्रणाली की क्षमता में सुधार करना आर्थिक सुस्ती से निपटने के दो महत्वपूर्ण उपाय हैं।

भारतीय बैंक संगठन (आईबीए) के 70वें वार्षिक आम सभा की बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, ‘‘हमारे पास दो बड़ी चुनौतियां हैं- निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाना और वृद्धि को समर्थन के लिए बैंको की क्षमता में सुधार करना। हमने इस संबंध में प्रयाप्त विश£ेषण किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक गतिशील समाज होने के नाते हमें सर्वश्रेष्ठ उपायों की ओर देखना चाहिए और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तत्काल सामाधान सुनिश्चित करना चाहिए।’’

जेटली ने कहा कि स्ट्रेस्ड संपत्ति का लगातार बढऩा भी मुख्य समस्या है।

वित्तमंत्री ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज के दौर में ये सब चिंता के मुख्य मुद्दे हैं। भारत ने लगातार सुधार की अपनी क्षमता और जब दुनिया में सुस्ती बढ़ रही है, ऐसे समय में एक उचित गति के साथ आगे बढक़र खुद को साबित किया है। अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने में भारत पहले के पारंपरिक तरीकों के स्थान पर ज्यादा बेहतर हुआ है।’’

जेटली ने कहा कि सरकार ने बैंकों के नकारात्मक ऋण के तत्काल वापसी के लिए दिवालिया और दिवालियापन संहिता (आईबीसी)2016 समेत अन्य कानून बनाए हैं।  

उन्होंने कहा, ‘‘आईबीसी अब पूरी तरह से काम कर रहा है। इन संस्थानों के निर्णय लेने के लिए कुछ विश्वास आवश्यक है। अगर हम इन सिद्धांतों पर काम करेंगे तो हमें जल्द ही इसका फल मिलेगा।’’

बैंकिंग प्रणाली के पुनरुद्धार का वचन देते हुए जेटली ने कहा कि सभी सरकारी प्रयासों को संसाधनों के मामले में बैंकों को मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस परिपेक्ष्य में, सरकार बैंकिंग प्रणाली के साथ रहेगी। जो भी कदम उठाए जाएंगे, हम बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए तेजी से काम करते रहेंगे। सभी सरकारी प्रयास, खासकर काले धन को समाप्त करने, वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) समेत अन्य सुधार को लागू करने की पहल हो, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बैंकिंग प्रणाली में संसाधनों के साथ मजूबती प्रदान की जाए या बैंकिंग प्रणाली के लिए संसाधन जुटाने के प्रयास किए  जाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत के पास उपाय तलाशने के लिए लचीलापन है।’’

जेटली ने कहा, ‘‘नोटबंदी और पुनर्मुद्रीकरण के समय बैंकिंग सिस्टम प्रणाली ने अच्छा काम किया था और बैंकों को एक तय समय में बड़ी संख्या में नकद और नोट बांटने का काम करना पड़ा था। कुछ ही हप्तों में बैंकों ने पुराने नोटों को वापस लेने, पुनर्मुद्रीकरण और नए नोटों के वितरण का कार्य बिना किसी बड़ी दुर्घटना के किया। यह एक ऐसा कार्यक्रम था, जहां करोड़ों लोग काला धन को हटाने के लिए एकसाथ जुटे और बैंकिंग सिस्टम ने मजबूती से इस कार्य को किया।

जेटली ने कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद नकद लेन-देन में कमी आई और कर दायरे में विस्तार हुआ। अप्रत्यक्ष कर के लिए नया तंत्र ‘जीएसटी’ उम्मीद से अच्छी गति से प्रगति कर रहा है और कर दायरे में अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।’’ (आईएएनएस)

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