businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

भारत-नेपाल के बीच ऊर्जा समझौते पर बनी बात, दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय ऊर्जा एकीकरण को देंगे बढ़ावा

Source : business.khaskhabar.com | Nov 06, 2025 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 india nepal energy agreement reached will promote regional energy integration in south asia 765616काठमांडू । नेपाल और भारत के अधिकारियों ने सीमा पार बिजली विनिमय बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। इसके साथ ही दोनों देशों ने कई मौजूदा एवं नियोजित ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं पर काम में तेजी लाकर ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की हामी भी भरी है। 
पश्चिमी पर्यटन शहर पोखरा में सोमवार और मंगलवार को दोनों देशों के ऊर्जा (विद्युत) मंत्रालयों के अंतर्गत संयुक्त तकनीकी दल (जेटीटी) की 17वीं बैठक आयोजित की गई। इस दौरान, दोनों पक्षों ने बिजली व्यापार, नई क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण और ट्रांसमिशन सिस्टम को सुदृढ़ बनाने पर चर्चा की। इसके साथ ही दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौते भी किए।
नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों देश प्रस्तावित चमेलिया-जौलजीबी 220 केवी डबल-सर्किट क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन के लिए नवंबर 2025 तक एक संयुक्त विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने पर सहमत हुए। उम्मीद की जा रही है कि यह डीपीआर दिसंबर 2027 तक पूरा हो सकता है। प्रस्तावित लाइन नेपाल के सुदूर-पश्चिमी क्षेत्र को भारत के उत्तराखंड राज्य से जोड़ेगी।
दोनों देश निर्माणाधीन नई बुटवल-गोरखपुर 400 केवी क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन के पूरा होने के बाद उसे शुरू में 220 केवी पर संचालित करने पर सहमत हुए। इस लाइन की आयात-निर्यात क्षमता को अंतिम रूप देने के लिए उत्तर प्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी के साथ 15 दिनों के भीतर एक बैठक होगी।
नेपाली अधिकारियों ने बताया कि हाल के महीनों में सीमा के दोनों ओर निर्माण कार्यों में तेजी आई है। इस परियोजना का उद्घाटन नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ ​​प्रचंड ने भारत यात्रा के दौरान संयुक्त रूप से किया था।
दोनों पक्षों ने धालकेबार-मुजफ्फरपुर और निर्माणाधीन धालकेबार-सीतामढ़ी क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइनों की बिजली विनिमय क्षमता का भी पुनर्मूल्यांकन किया। इससे यह पुष्टि हुई कि नेपाल इनमें से प्रत्येक के माध्यम से 1500 मेगावाट तक बिजली का निर्यात और 1400 मेगावाट तक आयात कर सकता है।
दोनों परियोजनाओं को शुरू में 1000 मेगावाट क्षमता संभालने के लिए डिजाइन किया गया था। वर्तमान में, धालकेबार-मुजफ्फरपुर लाइन नेपाल और भारत के बीच एकमात्र चालू 400 केवी क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन है, हालांकि लगभग एक दर्जन छोटी सीमा पार बिजली लाइनें हैं।
इसके अलावा, दोनों पक्षों ने धालकेबार-मुजफ्फरपुर लाइन के पुनर्निर्माण के लिए उच्च तापमान कम गिरावट (एचटीएलएस) प्रौद्योगिकी को अपनाने और क्षमता बढ़ाने के लिए रक्सौल-परवानीपुर और रामनगर-गंडक 132 केवी लाइनों में मौजूदा कंडक्टरों को एचटीएलएस कंडक्टरों से बदलने का संयुक्त रूप से अध्ययन करने पर भी सहमति व्यक्त की।
--आईएएनएस
 

[@ ब्यूटी टिप्स:लगे अपनी उम्र से 5 साल कम ]


[@ महिलाओं की शर्ट के बटन बाई तरफ ही क्यों!]


[@ पर्स में पैसा नहीं टिकता तो करें ये सरल उपाय ]