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अब व्हाट्स एप, स्काइप, और वाइबर के उपयोग पर देने पड सकते है पैसे!

Source : business.khaskhabar.com | Mar 28, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 trai initiates regulatory preparations for whatsapp skype viber and other servicesनई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई ने स्काइप, वाइबर, व्हाट्स एप तथा गूगल टॉक जैसे इंटरनेट आधारित "कॉलिंग" और "मैसेज एप्लिकेशन" के लिए नियामकीय मसौदा तैयार की प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रकार की सेवा देने वाली कंपनियां "ओवर द टॉप" कहलाती हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के सचिव सुधीर गुप्त ने एक बयान में कहा, "ओटीटी सेवाओं तथा इंटरनेट की निष्पक्षता को लेकर दुनिया भर में सरकारों, उद्योग तथा ग्राहकों के बीच एक बहस जारी है। इसी संदर्भ में ट्राई ने शुक्रवार को ओटीटी सेवाओं के लिए नियामकीय मसौदे पर परामर्श पत्र जारी किया है।"

फिलहाल उपभोक्ता मोबाइल एप्लिकेशन और कंप्यूटर के जरिए इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग कर फोन कॉल करते या संदेश भेजते हैं, उन्हें इसके लिए केवल इंटरनेट के उपयोग का पैसा लगता है, लेकिन प्रति कॉल या संदेश के आधार पर उन्हें कुछ नहीं देना पडता। दूरसंचार कंपनियों तथा वीओआई सेवा प्रदाताओं या ओटीटी इकाइयों के बीच इस मुद्दे को लेकर विवाद है।

दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि स्काइप, व्हाट्स एप, वाइबर आदि जैसी ओटीटी कंपनियां नेटवर्क में निवेश किए बिना उनकी कमाई का मुख्य जरिया खा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ ओटीटी कंपनियों ने समुदाय और देश की वृद्धि के लिए बिना बाधा के इंटरनेट या वेब आधारित सेवाओं तक पहुंच की मांग कर अपना-अपना बचाव किया है। इससे पहले ट्राई के चेयरमैन राहुल खुल्लर ने ओटीटी सेवाओं पर नियमन बनाने की प्रक्रिया शुरू करने का संकेत दिया था। एयरटेल द्वारा वीओआईपी कॉल के लिए अलग से शुल्क लेने की योजना को लेकर हुई आलोचना के बाद उन्होंने यह संकेत दिया था। नियामक ने मामले में रूचि रखने वाले लोगों से 24 अप्रैल तक तथा इस पर जवाबी प्रतिक्रिया 8 मई तक मांगी है।