पिडिलाइट भविष्य का कार्यबल तैयार करने में जुट, 1 लाख से ज़्यादा युवाओं को दिया कौशल प्रशिक्षण
Source : business.khaskhabar.com | July 15, 2025 | 
मुंबई। चिपकने वाले पदार्थ (अधेसिव), सीलेंट, निर्माण रसायन और कला सामग्री की अग्रणी विनिर्माता, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने विश्व युवा कौशल दिवस पर भारत के युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और डिजिटल नवोन्मेष के माध्यम से सशक्त बनाने के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता दोहराई है।
यह प्रतिबद्धता केवल कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का हिस्सा नहीं है, बल्कि भारत के तेजी से बढ़ते निर्माण और रियल एस्टेट क्षेत्रों की भविष्य की ज़रूरतों के लिए एक रणनीतिक निवेश है, जहाँ 2030 तक 3 करोड़ अतिरिक्त रोज़गार पैदा होने का अनुमान है। इस अनुमानित विकास को बनाए रखने के लिए कुशल कार्यबल की उपलब्धता महत्वपूर्ण होगी, और पिडिलाइट इस कमी को दूर करने में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
कंपनी ने अपनी विभिन्न कौशल निर्माण पहलों के ज़रिये पिछले कुछ वर्षों में 1 लाख से अधिक युवाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है। इन पहलों के तहत युवा प्लंबिंग, वाटर प्रूफिंग, वुडवर्किंग, निर्माण, जैविक खेती, इंटीरियर डिज़ाइन, कला एवं शिल्प और सजावट जैसे महत्वपूर्ण व्यवसायों में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। यह बहुआयामी दृष्टिकोण न केवल विभिन्न उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि पिडिलाइट के अपने उत्पाद पोर्टफोलियो (जैसे डॉ. फिक्सिट, फेविक्रिल) के लिए कुशल एप्लीकेटर और ग्राहक आधार भी तैयार करता है।
पिडिलाइट इंडस्ट्रीज़ के प्रबंध निदेशक, सुधांशु वत्स ने इस अवसर पर कहा, "पिडिलाइट का मानना है कि कौशल विकास केवल रोज़गार का ज़रिया नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का मूल आधार है। हमें अपने युवाओं को व्यावहारिक क्षमताओं और भविष्य की ज़रूरत के अनुरूप तैयार ज्ञान, दोनों से सुसज्जित करना होगा।" उन्होंने पिडिलाइट वुडवर्किंग एंड प्लंबिंग सेंटर फॉर एडवांस्ड स्किल्स (गुजरात सरकार के सहयोग से), डॉ. फिक्सिट सेंटर, आईटीआई के साथ साझेदारी, और नए डिजिटल प्लेटफॉर्म 'बॉन्डिंग एक्सपर्ट' जैसी पहलों का उल्लेख किया, जो एक ऐसा परितंत्र बना रहे हैं जो उद्योग के साथ जुड़ाव बढ़ाता है और समावेशी विकास को बढ़ावा देता है।
कंपनी ने गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में 600 से ज़्यादा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के साथ साझेदारी की है, जो ज़मीनी स्तर पर कौशल विकास को बढ़ावा देता है। पिडिलाइट वुडवर्किंग एंड प्लंबिंग सेंटर फॉर एडवांस्ड स्किल्स (पीडब्ल्यूपी), पिडिलाइट इंडस्ट्रीज़ और गुजरात सरकार के कौशल्या विश्वविद्यालय के बीच का एक सफल गठजोड़ है। इस केंद्र ने केवल दो साल में 2,800 से ज़्यादा व्यक्तियों को प्रमाणित किया है, जिसमें फ्रांस में होने वाले वर्ल्ड स्किल्स इंटरनेशनल 2024 के लिए जॉइनरी में भारत के स्वर्ण पदक विजेता को प्रशिक्षित करना भी शामिल है।
इसके अलावा, डॉ. फिक्सिट इंस्टीट्यूट ठेकेदारों और इंजीनियरों को विशेष वॉटरप्रूफिंग प्रशिक्षण प्रदान करता है, जिससे उच्च-प्रदर्शन और टिकाऊ बुनियादी ढांचे की नींव मज़बूत होती है।
यह कौशल निर्माण पहल, आईटीआई के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और विशेषज्ञ सत्रों व कार्यस्थल पर प्रशिक्षण के माध्यम से उद्योग की भागीदारी को बढ़ावा देते हुए, युवाओं के मोबिलाइज़ेशन (संग्रहण) से लेकर प्लेसमेंट (नौकरी दिलाने) तक, हर तरह की सहायता प्रदान करती है। पिडिलाइट का यह व्यापक दृष्टिकोण भारत के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें उद्योग के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक और सामाजिक निवेश है।
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