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अन्न भंडार भरे, फिर भी रोटी महंगी क्यों? गेहूं के अचानक बढ़ते दामों ने उड़ाई आम आदमी की नींद

Source : business.khaskhabar.com | July 15, 2025 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 food granaries are full yet why is roti expensive the sudden rise in wheat prices has disturbed the sleep of the common man 736511जयपुर। देश के अन्न भंडार गेहूं से लबालब भरे पड़े हैं और इस साल उत्पादन ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, लेकिन इसके बावजूद आम आदमी की रोटी महंगी होती जा रही है। राजस्थान की राजधानी जयपुर की मंडियों में गेहूं की कीमतों में अचानक आई तेजी ने उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ा दी है। पिछले एक सप्ताह के दौरान, मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं के भाव ₹50 उछलकर मंगलवार को ₹2670 प्रति क्विंटल तक पहुँच गए हैं। 
इस तेजी का असर सिर्फ गेहूं पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि इससे समर्थन पाकर आटा, मैदा और सूजी के दाम भी इसी अनुपात में बढ़ गए हैं। यह स्थिति इसलिए और भी चौंकाने वाली है क्योंकि इस साल देश ने गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। सरकारी और निजी खरीदारों ने अपने निर्धारित लक्ष्य भी पूरे कर लिए थे, जिससे उम्मीद थी कि बाजार में गेहूं के दाम स्थिर रहेंगे या उनमें कमी आएगी। भारी पैदावार से देश के गोदाम पूरी तरह भर गए थे, जिसने सबको आश्वस्त किया था कि खाद्य सुरक्षा और महंगाई नियंत्रण में रहेगी। लेकिन अब जो ताजा रुझान दिख रहा है, वह इस उम्मीद के ठीक विपरीत है। गेहूं के भावों में इस अप्रत्याशित उछाल के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। 
जानकारों का कहना है कि फसल आने के बाद और उसके शुरुआती चरण में गेहूं के भावों में काफी मंदी आ गई थी। उस दौरान किसानों को उनकी उपज का पूरा दाम नहीं मिल पा रहा था। अब जब मांग निकलनी शुरू हुई है, तो भावों में तेजी स्वाभाविक है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि हालिया बारिश के चलते उत्पादक मंडियों में गेहूं की आवक बेहद कम हो गई है। नमी और परिवहन की समस्याओं के कारण किसान अपनी उपज मंडी तक नहीं ला पा रहे हैं, जिससे आपूर्ति में कमी आई है। इसके अतिरिक्त, मौजूदा समय में श्रावणी त्योहारों का दौर चल रहा है। 
इन त्योहारों के दौरान मैदा और सूजी से बनने वाले उत्पादों की मांग में भारी वृद्धि होती है। इस बढ़ी हुई मांग ने भी गेहूं के दामों को ऊपर धकेलने में अहम भूमिका निभाई है। व्यापारियों के मुताबिक, गेहूं की कीमतों में यह बढ़ोतरी निश्चित रूप से किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। हालांकि, इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा और उनके लिए रोटी, ब्रेड तथा अन्य आटे से बने उत्पादों का महंगा होना एक नई महंगाई चुनौती खड़ी कर सकता है।

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