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ई-श्रम पोर्टल पर 30.43 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक हैं रजिस्टर्ड: केंद्र

Source : business.khaskhabar.com | Dec 06, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 over 3043 crore unorganized workers are registered on e shram portal center 687862नई दिल्ली । संसद को सूचित किया गया कि सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर 1 दिसंबर तक 30.43 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक रजिस्टर्ड हैं।



 

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड ग्रामीण क्षेत्रों के अनौपचारिक श्रमिकों की संख्या 1 दिसबंर तक 27.22 करोड़ है।

मंत्रालय ने आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों (एनडीयूडब्ल्यू) का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया था।

ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को उनकी खुद की घोषणा के आधार पर एक यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) प्रदान कर उन्हें रजिस्टर और सपोर्ट करना है।

ई-श्रम पर रजिस्ट्रेशन के लिए श्रमिकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

मंत्रालय के अनुसार, असंगठित श्रमिकों को रजिस्ट्रेशन में मदद करने के लिए राज्य सेवा केंद्रों (एसएसके) और कॉमन सर्विस सेंटर की सेवाओं को शामिल किया गया है।

श्रमिकों तक पहुंच बढ़ाने और उन्हें रजिस्ट्रेशन/अपडेट की सुविधा उनके मोबाइल फोन पर ही उपलब्ध करवाई जा रही है। उमंग ऐप पर ई-श्रम पोर्टल को शामिल किया गया है।

अब तक, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की 12 योजनाओं को पहले ही ई-श्रम पोर्टल के साथ इंटीग्रेट या मैप किया जा चुका है।

केंद्रीय बजट 2024-25 के अनुसार, अन्य सरकारी वेबसाइटों के साथ ई-श्रम पोर्टल का इंटीग्रेशन ‘वन-स्टॉप-सॉल्यूशन’ की सुविधा प्रदान करेगा।

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों को जल्द से जल्द ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय , स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय आदि जैसे अन्य मंत्रालयों से भी संपर्क किया है।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा, "ई-श्रम-वन स्टॉप सॉल्यूशन असंगठित श्रमिकों तक विभिन्न सरकारी योजनाओं की निर्बाध पहुंच को लेकर सहायक होगा। इससे असंगठित श्रमिकों के लिए बनाई गई योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी, साथ ही छूटे हुए संभावित लाभार्थियों की पहचान करने में आसानी होगी।"

--आईएएनएस

 

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