आयातित तेलों पर ड्यूटी बढ़ने से सरसों सीड 7000 रुपए पहुंची
Source : business.khaskhabar.com | Sep 26, 2024 | 
-:भरतपुर मंडी में 6700 रुपए प्रति क्विंटल बिकी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन
जयपुर(रामबाबू सिंघल)। केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही खाद्य तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोतरी किए जाने के बाद खाने के तेलों में निरंतर तेजी देखने को मिल रही है। जयपुर मंडी में दो दिन में सरसों सीड 100 रुपए प्रति क्विंटल फिर से उछल गई है। सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव यहां 7000 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गए हैं। उधर भरतपुर मंडी में गुरुवार को 1500 कट्टे सरसों सीड की आवक हुई तथा वहां पर 42 प्रति तेल कंडीशन सरसों के भाव 6700 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए। भरतपुर स्थित कृष्णा ब्रोकर्स के हरीश गोयल ने बताया कि मंडियों में सरसों की उपलब्धता लगातार घट रही है। दूसरी ओर त्योहारी डिमांड के चलते सरसों तथा सरसों तेल की कीमतों में मंदी के आसार समाप्त हो गए हैं। ब्रोकर हरीश गोयल ने कहा कि इन दिनों ब्रांडेड कंपनियों की ओर से अच्छी गुणवत्ता वाले सरसों तेल की मांग है। इस कारण भी सरसों तेल के भावों में मजबूती देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि आयात शुल्क में वृद्धि का असर सोयाबीन डिगम तेल पर कम हुआ है। इस बीच मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा का कहना है कि आयातित खाद्य तेलों में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं पर मामूली असर ही आएगा, लेकिन इसके कारण देश में बंद पड़ी तेल मिलें फिर से चल निकलेंगी। देशी तिलहनों की खपत बढ़ने से किसानों को लाभ मिलेगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा। इस बीच अन्य जानकारों का कहना है कि आयातित तेलों की शॉर्ट सप्लाई की वजह से भी बाजार में तेजी का माहौल है। आयात शुल्क में बढ़ोतरी के फैसले के बाद कई विशेषज्ञों द्वारा मूंगफली के दाम में तेजी की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन मूंगफली एवं मूंगफली तेल के दामों में गिरावट आने से ये भ्रम भी टूट गया है। नई मूंगफली की आवक होने के कारण भी इसके भावों में मंदी की वजह रही है।
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