गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी लगाने का विचार
Source : business.khaskhabar.com | Mar 23, 2017 | 

नई दिल्ली। सरकार गेहूं पर फिर से आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) लगाने पर
विचार कर रही है ताकि देश में फसल के बम्पर उत्पादन के बाद किसानों को अपनी
फसल बेचने में दिक्कत ना हो। यानि अब देश के बाहर का गेहूं मंगाने पर
सरकार शुल्क (चार्ज) लगाने की तैयारी कर रही है।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गुरूवार को
राज्यसभा में किसानों की हालत पर सदस्यों द्वारा चिंता जताए जाने पर कहा कि
साल 2006 से 2015 के दौरान गेहूं पर आयात शुल्क शून्य था। उन्होंने कहा कि
साल 2015 में गेहूं पर 25 फीसदी सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) लगाई गई थी
जिसे बाद में घटा कर 10 फीसदी किया गया और पिछले साल दिसंबर में इसे पूरी
तरह हटा दिया गया।
पासवान ने शून्यकाल में बताया कि यह चार्ज इसलिए हटाया गया था क्योंकि
ओलावृष्टि की वजह से फसल खराब हो गई थी और गेहूं के दाम बढने की आशंका थी।
उन्होंने कहा कि इस साल करीब 966 लाख टन फसल की पैदावार हुई है और 65 लाख
टन का भंडार भी हमारे पास है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने एहतियात बरती और
फिर से आयात शुल्क लगाने की जल्दबाजी नहीं की क्योंकि यह डर था कि
ओलावृष्टि या बेमौसम बारिश से फसल खराब न हो जाए और फिर से संकट न पैदा हो
जाए। पासवान ने कहा,सरकार इंपोर्ट ड्यूटी बढाने पर विचार कर रही है और इस
बारे में जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा।
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि गेहूं की शुरूआती उपज आते ही राज्यों
में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद होनी चाहिए। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी
ने कहा कि 119 किसानों ने महाराष्ट्र में आत्महत्या की है सिर्फ इसलिए
क्योंकि आयात शुल्क शून्य होने के कारण और फसल का सही मूल्य न मिल पाने की
वजह से वह बुरी तरह परेशान हो गए।
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