businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business


फिच ने भारतीय बैंकिंग सेक्‍टर की रे‍टिंग घटाई; कहा - संरचनात्मक मुद्दों का दिख रहा असर

Source : business.khaskhabar.com | Aug 17, 2023 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 fitch downgrades rating of indian banking sector said   visible effect of structural issues 580620चेन्नई। फिच रेटिंग्स ने बुधवार को एक रिपोर्ट में भारतीय बैकिंग सेक्‍टर की रेटिंग घटा दिया है, हालांकि उसने कहा कि कोविड-19 महामारी से जुड़े आर्थिक जोखिम कम होने के साथ भारतीय बैंकों के लिए परिचालन माहौल (ओई) मजबूत हुआ है, लेकिन संरचनात्‍मक मुद्दों का रेटिंग पर प्रभाव दिख रहा है।

फिच ने यह भी कहा कि अन्य संरचनात्मक मुद्दे जैसे लंबी कानूनी प्रक्रिया और 'बैड बैंक' का सार्थक भूमिका नहीं निभाना इसमें में बाधा डालता है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि महामारी से पहले के स्तर की तुलना में इस क्षेत्र के लिए विवेकपूर्ण संकेतकों की संख्या में भी सुधार हुआ है, हालांकि अपेक्षाकृत सौम्य ओई में जोखिम की बढ़ती भूख संभावित तनावपूर्ण खातों के लिए उचित बफर के महत्व पर प्रकाश डालती है।

फिच ने मार्च 2020 में भारतीय बैंकों के लिए अपने ओई मिड-पॉइंट स्कोर को 'बीबी प्‍लस' से संशोधित कर 'बीबी' कर दिया। रेटिंग में यह गिरावट इस आकलन आधार पर की गई है कि महामारी के कारण सेक्टर के सामने ओई से जुड़े मौजूदा तनाव बढ़ने की संभावना है।

फिच के मुताबिक, भारत इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ था, लेकिन इससे जुड़े खतरे अब कम हो गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, “फिच ने मई में सरकार की रेटिंग 'बीबीबी-/स्थिर' की पुष्टि की थी और हम वर्तमान में मार्च 2026 (FY23-FY25) तक तीन वर्षों में वास्तविक औसत जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत सालाना होने का अनुमान लगाते हैं, जो भारत को सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में रखता है।''

महामारी संबंधी जोखिमों में कमी के साथ-साथ पूंजी बफर भी मजबूत हुआ है। बैंकिंग सेक्टर का औसत सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी1) पूंजी अनुपात वित्त वर्ष 2023 तक बढ़कर 13.4 प्रतिशत हो गया, जो वित्त वर्ष 2018 में 10.4 प्रतिशत था।

फिच रेटिंग्स ने कहा कि यह आंशिक रूप से 2015 के बाद से सरकारी बैंकों को सरकार द्वारा प्रदान की गई लगभग 50 अरब डॉलर की संचयी ताज़ा इक्विटी को दर्शाता है।

फिच के अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में परिचालन लाभ जोखिम में फंसी पूंजी का लगभग 2.8 प्रतिशत रहा। इस प्रकार कमाई के मोर्चे पर भी पर्याप्‍त बफ़र है। वित्त वर्ष 2019-20 में परिचालन लाभ जोखिम में फंसी पूंजी के 0.6 प्रतिशत से ज्‍यादा रहा।

भारत का ओई स्कोर अर्थव्यवस्था में मौजूद संरचनात्‍मक विविधता से लाभान्वित हो रहा है, जो विशिष्ट क्षेत्र-केंद्रित झटकों के प्रति बैंकों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

अर्थव्यवस्था के बड़े आकार और भारत की अनुकूल जनसांख्यिकी से बैंकों को लाभदायक व्यवसाय उत्पन्न करने और जोखिम तथा राजस्व में विविधता लाने के अवसर मिलने चाहिए।

फिच ने कहा, “हम आगे उम्मीद करते हैं कि वस्तु एवं सेवा कर और तेजी से डिजिटलीकरण (भुगतान प्रणालियों सहित) जैसी पहलों के माध्यम से बैंकों को एसएमई क्षेत्र के क्रमिक औपचारिकीकरण से लाभ होगा, जिससे बाजार के बड़े हिस्‍से में जोखिम के स्वीकार्य स्तर पर सेवाएं प्रदान करने की संभावनाओं में सुधार होगा।”

रेटिंग एजेंसी के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने दुनिया भर के कई अन्य लोगों की तरह महामारी के दौरान व्यापक सहनशीलता का परिचय दिया, जिससे बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता अस्पष्ट हो गई।

इस बीच, अन्य संरचनात्मक मुद्दे बैंकिंग ओई में बाधा बने हुए हैं। फिच ने कहा कि भारत की लंबी कानूनी प्रक्रियाएं दिवालियापन और समाधान के लिए एक प्रभावी ढांचे के कार्यान्वयन में बड़ी बाधा बनी हुई हैं, और जुलाई 2021 में शुरू किए गए “बैड बैंक” ने अब तक कोई सार्थक भूमिका नहीं निभाई है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारतीय बैंक का ऋण पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2013 की तुलना में 15.4 प्रतिशत बढ़ गया है।  विकास की क्षमता में सुधार, विशेष रूप से निजी क्षेत्र के बैंकों में, और मजबूत नॉमिनल जीडीपी बढ़त के बीच यह आंशिक रूप से महामारी के बाद रुकी हुई क्रेडिट मांग के कारण है।





 (आईएएनएस)


[@ एलियंस को ढूंढेगा यह टेलीस्कोप!]


[@ सजा-ए-मौत से बचने के लिए जेल में हुई प्रेग्नेंट]


[@ दही से पाएं नर्म मुलायम त्वचा]