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बजट के बाद बढ़ेगी सोने की मांग: WGC

Source : business.khaskhabar.com | Jan 24, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 demand of gold to grow after fiscal budget world gold council 161980नई दिल्ली। भारत में विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के अध्यक्ष सोमासुंदरम का कहना है कि नोटबंदी के बाद थोडे समय के लिए सोने की मांग में कमी आई, लेकिन अब सोने की खरीद में सुधार नजर आने लगा है। एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट के बाद सोने की बिक्री सामान्य हो जाने की उम्मीद है। डब्ल्यूजीसी के भारत में प्रबंध निदेशक पीआर सोमासुंदरम ने यह भी कहा कि नोटबंदी से देश में कीमती धातु के कारोबार पर पडे असर के बारे में विस्तार से बात की।

सोमासुंदरम का कहना है, नोटबंदी के बाद बीते वर्ष नवंबर-दिसंबर के दौरान सोने की खरीद पर साफ-साफ असर दिखा। लेकिन अब लोगों ने सोने की खरीद शुरू कर दी है। हम उम्मीद करते हैं कि केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद जल्द ही सोने की बिक्री सामान्य हो जाएगी। उनका कहना है कि नोटबंदी का सोने के कारोबार पर दीर्घकाल में सकारात्मक असर होगा, क्योंकि इससे असंगठित कारोबार पर लगाम लगेगा।

सोमासुंदरम ने कहा, नोटबंदी का संपूर्णता में सोने के कारोबार पर सकारात्मक असर होगा,स्वर्ण उद्योग संगठित कारोबार के अंतर्गत आ जाएगा। निश्चित तौर पर इस बदलाव में समय लगेगा। नोटबंदी के दौरान चूंकि नागरिक पुराने नोट बदलवाने में व्यस्त थे, इसलिए उस दौरान सोने के कारोबार में गिरावट आई। इसके अलावा ईमानदार लोगों ने भी सोने की खरीद नहीं की, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे वे आयकर विभाग की नजर में आ जाएंगे।

डब्ल्यूजीसी ने मंगलवार को एक रिपोर्ट भारत का स्वर्ण बाजार:प्रगति एवं नवाचार जारी की है जिसमें भारत के स्वर्ण बाजार के पिछले 15 वर्ष का विश्लेषण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी का भारत की अर्थव्यवस्था पर अल्पकालिक लेकिन प्रभावी असर हुआ है। सोना रखने और उसकी खरीद की अधिकतम सीमा तय किए जाने की अफवाहों ने भी सोने के कारोबार को प्रभावित किया। आयकर अधिकारियों ने भी ऎसे स्वर्ण कारोबारियों के खिलाफ जांच-पडताल शुरू कर दी, जिन्होंने फर्जी या पुरानी बिक्री दिखाकर पुराने नोट बदलवाए। इससे बने भय के माहौल के चलते ईमानदार नागरिक भी सोने खरीदने से बचते रहे।

डब्ल्यूजीसी ने 2016 के लिए 650-750 टन सोने की बिRी का अनुमान व्यक्त किया था। 2016 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) तक देश में सोने की मांग 443 टन रही। साल 2020 तक भारत में सोने की मांग औसतन 850-900 टन प्रति वर्ष रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सोने के कारोबार से जु़डे 90 फीसदी खुदरा व्यापारी असंगठित हैं। लेकिन 2020 तक देश में सोने का संगठित बाजार 35-40 फीसदी हो जाएगा। इस समय देश में करीब चार लाख आभूषण व्यापारी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की मांग इसकी कीमत की बजाय आय पर निर्भर करती है। आय में एक फीसदी की वृद्धि होती है तो सोने की मांग में भी एक फीसदी की वृद्धि देखी गई।

रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में ग्रामीण इलाकों में जितने आभूषणों की बिक्री हुई उनमें 88 फीसदी आभूषणों सिर्फ सोने से निर्मित थे। वहीं शहरी इलाकों में बिना नग वाले आभूषणों की बिक्री 57 फीसदी रही, जबकि नग वाले स्वर्ण आभूषणों की बिक्री का प्रतिशत 35 रहा। भारत में निर्मित 60 से 65 फीसदी स्वर्ण आभूषण हस्तनिर्मित होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल स्वर्ण भंडार 23,000-24,000 टन के करीब है, जिसकी कुल कीमत 800 अरब डॉलर से अधिक है। देश के विभिन्न हिस्सों में सोने की मांग देखें तो दक्षिण भारत कुल मांग के 40 फीसदी के साथ सबसे ऊपर है, जबकि पश्चिमी भारत 25 फीसदी के साथ दूसरे, उत्तर भारत 20 फीसदी के साथ तीसरे और पूर्वी भारत 15 फीसदी के साथ चौथे पायदान पर है। (आईएएनएस)

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