ऊंचे भाव पर घट सकता है भारत का कपास निर्यात : सीएआई
Source : business.khaskhabar.com | Dec 31, 2017 | 

नई दिल्ली। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने चालू कपास विपणन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत से कपास निर्यात अनुमान को 63 लाख गांठ से घटाकर 55 लाख गांठ कर दिया है। एसोसिएशन के मुताबिक पिछले एक महीने में घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में 10 फीसदी की तेजी आई है। लिहाजा, आयातक देशों की ओर से भारत से कपास की खरीदारी घट सकती है। सीएआई के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने पिछले साल 60 लाख गांठ कपास का निर्यात किया था।
हालांकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल भारत 67 लाख गांठ कपास का निर्यात कर सकता है, जबकि पिछले साल देश का कपास निर्यात 58.21 लाख गांठ रहा था। पिछले दिनों यह जानकारी कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा ने लोकसभा को दी थी।
सीएआई ने इस साल देश में कपास उत्पादन का अनुमान 375 लाख गांठ लगाया है। जबकि कॉटन एडवायरी बोर्ड का अनुमान 377 लाख गांठ है। पिछले साल देश में 345 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था।
सीएआई का कहना है कि घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में तेजी आने से इंपोर्ट पैरिटी बढ़ गया है जिससे आयात बढऩे की संभावना है। लिहाजा एसोसिएशन ने इस साल के लिए भारत का कपास आयात अनुमान को 17 लाख गांठ से बढ़ाकर 20 लाख गांठ कर दिया है। सीएआई के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल भारत ने 30 लाख गांठ कपास का आयात किया था। एसोसिएशन ने घरेलू खपत 320 लाख गांठ रहने का अनुमान लगाया है।
पिछले तीन महीने में घरेलू बाजारों में 147.75 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में आवक 108 लाख गांठ हुई थी।
बाजार के विश्लेषक मुंबई के गिरीश काबरा ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने में घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में करीब 4000 रुपये प्रति कैंडी (356 किलोग्राम) की तेजी आई है।
खास तौर मौसम की खराबी व फसल खराब होने की खबरों के बाद उत्पादन अनुमान में कमी देखी जा रही है जिससे बाजार को सपोर्ट मिला है।
कॉटन की कीमतों में तेजी को वैश्विक बाजारों के मजबूत संकेतों का सहारा मिला है। सबसे ज्यादा सपोर्ट पाकिस्तान, चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया और बांग्लादेश को होने वाले निर्यात से मिला है।
गुजरात शंकर-6 (29 एमएम) में शनिवार को 41,200 रुपये प्रति कैंडी पर कारोबार हुआ, जबकि एक अक्टूबर से शुरू हुए इस मार्केटिंग सीजन में कॉटन की उपर्युक्त क्वालिटी के भाव का निचला स्तर 37,200 प्रति कैंडी रहा है।
भारत वियतनाम, इंडोनेशिया और बांग्लादेश को भी कॉटन का निर्यात कर रहा है। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक अब तक 22 लाख गांठ कॉटन के निर्यात का सौदा हो चुका है जिसमें करीब 12 लाख गांठ टन का शिपमेंट हो चुका है। आनेवाले दिनों में भारत से कॉटन का निर्यात बढ़ सकता है, क्योंकि विदेशी बाजारों में भी कॉटन की कीमतों में तेजी बनी हुई है। एक जनवरी से पाकिस्तान को भी कॉटन का निर्यात शुरू होने वाला है।
[@ इन चीजों के दान से बदलेंगे ग्रह, नहीं रहेगी पैसों की कमी ]
[@ हसीन तो बहुत हैं लेकिन हेलन जैसा कोई नहीं..]
[@ ऐसे घर में नहीं रूकती लक्ष्मी]