ऑटो सेक्टर में भूचाल: ग्लोबल शिफ्ट के बीच भारतीय कंपनियां दक्षिण अफ्रीका में बढ़ाएंगी मैन्युफैक्चरिंग निवेश
Source : business.khaskhabar.com | Oct 27, 2025 | 
नई दिल्ली। वैश्विक व्यापार में आ रहे एक बड़े बदलाव के कारण भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री अब दक्षिण अफ्रीका में अपनी उपस्थिति को सेमी-नॉक्ड-डाउन (SKD) असेंबली से पूर्ण विकसित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स (CKD) में बदलने की तैयारी कर रही है। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब दक्षिण अफ्रीका का स्थानीय ऑटो उद्योग अमेरिका के टैरिफ, निर्यात मांग में गिरावट और सस्ते आयात से जूझ रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के व्यापार, उद्योग और प्रतिस्पर्धा मंत्री पार्क्स ताऊ ने पुष्टि की है कि भारतीय और चीनी वाहन निर्माताओं ने देश में अपने निवेश को बढ़ाने में गहरी रुचि व्यक्त की है। दक्षिण अफ्रीका सरकार अपने स्थानीय उद्योग को पुनर्जीवित करने की रणनीति के तहत वैश्विक निर्माताओं के साथ बातचीत कर रही है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब यूरोपीय संघ द्वारा फ्यूल-आधारित इंजनों पर प्रस्तावित प्रतिबंध ने देश के निर्यात बाजारों के लिए खतरा पैदा कर दिया है।
इस चुनौती ने दक्षिण अफ्रीका को न्यू एनर्जी व्हीकल (NEV) पर ध्यान केंद्रित करने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में निवेश आकर्षित करने के लिए प्रेरित किया है। मंत्री ताऊ ने कहा कि भारतीय और चीनी निवेशक या तो अतिरिक्त मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का उपयोग करते हुए मौजूदा व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स के साथ सहयोग करेंगे, या फिर नए प्लांट स्थापित करेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में SKD प्रारूप में काम कर रही कंपनियों ने कंप्लीट-नॉक्ड-डाउन (CKD) मैन्युफैक्चरिंग में बदलाव के लिए प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें पूर्ण पैमाने पर स्थानीय उत्पादन शामिल है।
महिंद्रा (Mahindra): कंपनी ने स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और दक्षिण अफ्रीका को ऑटोमोटिव निर्यात के लिए एक क्षेत्रीय केंद्र बनाने के लिए SKD से CKD उत्पादन में अपग्रेड करने की अपनी योजना की पुष्टि की है। महिंद्रा ने डरबन में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) असेंबली सुविधाएँ स्थापित करने में भी रुचि दिखाई है।
टाटा मोटर्स (Tata Motors): 2017 में अफ्रीकी बाजार में निर्यात रोकने के बाद, टाटा मोटर्स देश में वापसी कर रही है। कंपनी ने अपने वाहनों के वितरण के लिए दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी यात्री वाहन खुदरा विक्रेता, मोटस होल्डिंग्स लिमिटेड (Motus Holdings Ltd.) के साथ साझेदारी की है।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार अपने ऑटोमोबाइल उद्योग के भविष्य की सुरक्षा के लिए टोयोटा और फोर्ड जैसी वैश्विक वाहन निर्माताओं के साथ भी चर्चा कर रही है। भारत का यह बढ़ता निवेश ग्लोबल ट्रेड डायनामिक्स में एक महत्वपूर्ण शिफ्ट को दर्शाता है।
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