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तमिलनाडु के ग्रामीण निकायों को केंद्र की बड़ी मदद, 127 करोड़ से अधिक की राशि जारी

Source : business.khaskhabar.com | Dec 20, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 tamil nadu rural bodies receive significant central assistance over rs 127 crore released 777340नई दिल्ली । ग्रामीण विकास को मजबूती देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने शुक्रवार को तमिलनाडु के ग्रामीण स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के लिए 127.586 करोड़ रुपए की राशि जारी की। यह राशि वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 15वें वित्त आयोग के तहत दी जाने वाली अप्रतिबंधित अनुदान की दूसरी किस्त है। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। 
पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार, यह धनराशि तमिलनाडु की उन पंचायतों को दी गई है, जहां निर्वाचित निकाय मौजूद हैं और जो केंद्र सरकार द्वारा तय की गई पात्रता शर्तों को पूरा करती हैं। इस अनुदान से राज्य के 9 जिला पंचायतों, 74 ब्लॉक पंचायतों और 2,901 ग्राम पंचायतों को सीधा लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार की ओर से पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय राज्यों को 15वें वित्त आयोग के तहत अनुदान जारी करने की सिफारिश करते हैं। इसके बाद वित्त मंत्रालय द्वारा यह राशि राज्यों को जारी की जाती है। इन अनुदानों को हर वित्तीय वर्ष में आमतौर पर दो किस्तों में जारी किया जाता है।
इससे पहले शुक्रवार को ही केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के ग्रामीण स्थानीय निकायों को भी बड़ी राहत दी। राज्य को 94.236 करोड़ रुपए जारी किए गए, जिससे ग्रामीण संस्थाओं को मजबूती मिलेगी। इसमें वित्त वर्ष 2024–25 की अप्रतिबंधित अनुदान की दूसरी किस्त के 94.10 करोड़ रुपए शामिल हैं, जो उत्तराखंड की 13 जिला पंचायतों, 95 ब्लॉक पंचायतों और 7,784 ग्राम पंचायतों को दिए गए हैं।
इसके अलावा, पहली किस्त में रोकी गई राशि में से 13.60 लाख रुपए 15 अतिरिक्त पात्र ग्राम पंचायतों को भी जारी किए गए हैं।
इससे पहले सितंबर 2025 में केंद्र सरकार ने तमिलनाडु और असम के ग्रामीण निकायों के लिए 342 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की थी। यह भी 15वें वित्त आयोग के तहत वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रतिबंधित अनुदान का हिस्सा थी। इसी वित्त वर्ष में तमिलनाडु को पहले चरण में भी 127.586 करोड़ रुपए दिए गए थे, जो 2,901 ग्राम पंचायतों, 74 ब्लॉक पंचायतों और 9 जिला पंचायतों के लिए थे।
इन अप्रतिबंधित अनुदान का उपयोग पंचायतें अपनी स्थानीय जरूरतों के अनुसार कर सकती हैं, हालांकि इस राशि का इस्तेमाल वेतन या प्रशासनिक खर्चों पर नहीं किया जा सकता। इस फंड का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता सेवाओं, खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाए रखने, घरेलू कचरे के प्रबंधन, मानव अपशिष्ट और फीकल स्लज प्रबंधन, साथ ही पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसी बुनियादी सेवाओं को मजबूत करना है।
--आईएएनएस
 

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