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अदाणी टोटल गैस ने हरित भविष्य की ओर कदम बढ़ाते हुए बरसाना बायोगैस प्लांट में शुरू किया उत्पादन

Source : business.khaskhabar.com | Apr 01, 2024 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 adani total gas takes a step towards green future and starts production at barsana biogas plant 628660अहमदाबाद । अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अदाणी टोटलएनर्जीज बायोमास लिमिटेड (एटीबीएल) ने रविवार को कहा कि उसने टिकाऊ और हरित भविष्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित अपने बरसाना बायोगैस प्लांट के फेज-1 का परिचालन शुरू कर दिया है।

फेज 3 में पूर्ण डिजाइन क्षमता तक पहुंचने के बाद यह संयंत्र देश का सबसे बड़ा कृषि अपशिष्ट-आधारित जैव-सीएनजी संयंत्र होगा।

कंपनी के अनुसार, बरसाना बायोगैस संयंत्र के लिए सभी तीन परियोजना चरणों की कुल लागत 200 करोड़ रुपये से अधिक होगी।

फेज 1 के स्थिर होने पर यह प्रति दिन 225 टन कृषि अपशिष्ट और मवेशियों के गोबर को प्रोसेस करेगा और 10 टन प्रति दिन (टीपीडी) कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पन्न करेगा।

एटीजीएल के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश पी. मंगलानी ने कहा, "बरसाना बायोगैस प्लांट हमारी भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, अधिक टिकाऊ दुनिया बनाने के लिए नवीकरणीय संसाधनों का पूरी तरह से लाभ उठाने की हमारे अध्यक्ष गौतम अदाणी की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।"

कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन के अलावा, संयंत्र उच्च गुणवत्ता वाले जैविक उर्वरक का उत्पादन करता है, जो सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों और कृषि स्थिरता में योगदान देता है।

मंगलानी ने कहा, "सीबीजी उत्पादन की स्थापना और शुरुआत पूरी तरह से हमारे प्रवर्तकों - अदाणी समूह और टोटलएनर्जीज - के व्यापक स्थिरता लक्ष्यों और कंप्रेस्ड बायोगैस जैसी नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के अनुरूप है। अदाणी समूह और टोटलएनर्जीज का लक्ष्य कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था पर वैश्विक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है।"

यह संयंत्र श्री माताजी गौशाला के परिसर में स्थित है। बरसाना बायोगैस परियोजना के तीन चरण हैं और पूर्ण रूप से चालू होने पर यह 600 टन प्रति दिन फीडस्टॉक की कुल क्षमता प्राप्त कर लेगी। तब इससे 42 टीपीडी कंप्रेस्ड बायोगैस और 217 टीपीडी जैविक उर्वरक का उत्पादन होगा।

कंपनी ने कहा है कि उन्नत ऑक्सीजन रहित डायजेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके संयंत्र कार्बनिक पदार्थों को नवीकरणीय बायोगैस में परिवर्तित करता है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में काफी कमी आती है। इसके अलावा देश की ईंधन सुरक्षा और कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों में भी मदद मिलती है।

एटीजीएल 52 भौगोलिक क्षेत्रों (जीए) में अधिकृत है। इनमें से 33 का स्वामित्व एटीजीएल के पास है और शेष 19 का स्वामित्व एटीजीएल और इंडियन ऑयल के बराबर हिस्सेदारी वाले संयुक्त उद्यम 'इंडियन ऑयल-अदाणी गैस प्राइवेट लिमिटेड' (आईओएजीपीएल) के पास है।

--आईएएनएस

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