चीन के साथ अप्रैल-मई में 8 अरब डॉलर व्यापार घाटा : सीतारमन
Source : business.khaskhabar.com | Aug 08, 2015 | 

नई दिल्ली। चीन के साथ व्यापार घाटा मौजूदा कारोबारी साल के प्रथम दो महीने में आठ अरब डॉलर दर्ज किया गया। यह जानकारी शुक्रवार को संसद में दी गई।व्यापार घाटा 2014-15 में 48.47 अरब डॉलर था, जो 2013-14 में 36.2 अरब डॉलर था। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, ""चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे का मूल कारण यह है कि चीन का अधिकतर निर्यात विनिर्मित वस्तुओं का होता है, जिसकी मांग भारत में दूरसंचार और बिजली क्षेत्र में तेजी से हो रहे विस्तार के कारण है।
दूसरी ओर भारत अधिकतर प्राथमिक उत्पादों और कच्चो मालों का निर्यात करता है।"" उन्होंने कहा कि सरकार निर्यात योग्य उत्पादों की पहचान करने के लिए कई कदम उठा रही है, ताकि चीन सहित अन्य व्यापार साझेदारों के साथ व्यापार संतुलन हासिल किया जा सके। करीब सात महीने से देश के निर्यात में गिरावट को देखते हुए सरकार ने गत महीने व्यापार विकास और संवर्धन परिषद स्थापित किया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री इसका अध्यक्ष होगा, जिसमें राज्यों के व्यापार, वाणिज्य मंत्री और अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। इसमें वाणिज्य, राजस्व, जहाजरानी, नागरिक उड्डयन, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और आर्थिक मामलों के 14 केंद्रीय सचिवों को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।
वैश्विक आर्थिक सुस्ती, कच्चो तेल की कीमत घटने और रूपये में मजबूती आने से जून में लगातार सातवें महीने निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है। जून में 22.29 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात हुआ, जो साल-दर-साल आधार पर 15.82 फीसदी कम है। एक अन्य सवाल के जवाब में सीतारमन ने कहा कि भारत 11 अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता और पांच अन्य देशों के साथ तरजीही व्यापार समझौता कर रहा है। उन्होंने कहा, ""भारत कुछ देशों के साथ एफटीए और पीटीए के लिए वार्ता कर रहा है। इन देशों में इजरायल और यूरोपीय संघ भी शामिल हैं।""