बिजली बिल से 50 फीसदी राहत दिलाएगा "सुपर इफीशिएंट" यंत्र!
Source : business.khaskhabar.com | Apr 14, 2014 | 

नई दिल्ली। सरकार बिजली बचत अभियान को गति देने के लिए नई नीतिगत पहल की तैयारी में है। इसके तहत ऎसे बिजली यंत्रों के विनिर्माण के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे जो बिजली की 50 प्रतिशत तक बचत कर सकेंगे। बिजली मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि "सुपर इफीशिएंट" श्रेणी के ऎसे उत्पादों में पहले बिजली पंखों को "प्रोत्साहन" देने का विचार है।
ये यंत्र न केवल साधारण पंखों के मुकाबले बल्कि स्टार रेटिंग उत्पाद के मुकाबले भी अधिक बिजली बचाने में सक्षम होंगे। अगर लागत की बात की जाए तो साधारण पंखों के मुकाबले इसपर खर्चा करीब 600 रूपए अधिक आएगा। इससे निपटने के लिए सरकार कुछ प्रोत्साहन दे सकती है। बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाले उर्जा कार्यकुशलता ब्यूरो (बीईई) के महानिदेशक अजय माथुर ने नई पहल के बारे में पूछे जाने पर इस बारे में कहा, हम अब बिजली बचत वाले अपने कार्यक्रमों को ज्यादा मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके तहत जहां एक तरफ स्टार रेटिंग कार्यक्रम को उन्नत बनाया जा रहा है।
साथ ही हम ऎसे "सुपर इफीशिएंट" उत्पादों पर भी काम कर रहे हैं जो मौजूदा इलेक्ट्रिक उत्पादों के मुकाबले आधी बिजली खपत करेंगे। ऎसे उत्पादों पर विशेष सब्सिडी के बारे में पूछे जाने उन्होंने कहा, अभी मैं प्रोत्साहन के विषय में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, सुपर इफीशिएंट श्रेणी के उत्पादों में सबसे पहले पंखें आएंगे जो पांच स्टार रेटिंग के मुकाबले भी करीब 30 प्रतिशत कम बिजली खपत करेंगे। इसके अलावा हम सीएफल की जगह अब एलईडी बल्ब को बढावा दे रहे हैं। बाजार में आम पंखे जहां करीब 70 वाट प्रति घंटा और पांच सितारा रेटिंग वाले पंखे 50 वाट प्रति घंटा बिजली खपत करते हैं, वहीं दूसरी तरफ सुपर इफीशिएंट श्रेणी के पंखों में बिजली खपत 35 वाट होगी। माथुर ने कहा कि इस दिशा में सभी तैयारियां हो चुकी हैं। चुनाव के बाद इस बारे में घोषणा होने की उम्मीद है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, फिलहाल इलेक्ट्रानिक उत्पाद बनाने वाली कुछ कंपनियां इस दिशा में आगे आई हैं और उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है। उन्हें सरकार द्वारा कार्यक्रम की घोषणा का इंतजार है। माथुर ने कहा कि इसी कडी में हम अब सीएफएल बल्ब के बजाए एलईडी बल्ब को बढावा दे रहे हैं और इस दिशा में पुदुचेरी ने कदम उठाया है।
इस संदर्भ में सरकार वहां सभी घरों में सस्ती दर पर एलईडी बल्ब उपलब्ध करा रही है। यह एलईडी बल्ब 7 वाट का है जो 12 वाट के सीएफल बल्ब तथा 60 वाट के परंपरागत बल्ब के बराबर रोशनी देता है। जहां सीएफल बल्ब करीब 100 रूपए में उपलब्ध है वहीं 7 वाट के एलईडी बल्ब की कीमत करीब 300 रूपए है। सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना बिजली बचत के विभिन्न उपायों से 12,000 मेगावाट बिजली बचाने का लक्ष्य रखा है। 2013-14 में करीब 2,000 मेगावाट बिजली की बचत हुई है।