विजिंजम : भारत का नया समुद्री व्यापार केंद्र, लॉजिस्टिक्स लागत में भारी गिरावट की संभावना
Source : business.khaskhabar.com | May 02, 2025 | 
नई दिल्ली। केरल के विजिंजम में नव-विकसित विजिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट का राष्ट्र को समर्पण भारत के समुद्री व्यापार और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। तीन दशक पुराने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के चालू होने से भारत अब वैश्विक समुद्री मानचित्र पर एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरेगा, खासकर ट्रांसशिपमेंट हब के तौर पर।
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा निर्मित यह बंदरगाह भारत का पहला पूर्ण रूप से स्वचालित और गहरे समुद्र वाला पोर्ट है। इसकी 18 मीटर की प्राकृतिक गहराई इसे बड़े कंटेनर जहाजों को बिना ड्रेजिंग की आवश्यकता के संभालने की क्षमता प्रदान करती है। यहां लगे अत्याधुनिक शिप-टू-शोर क्रेन और एआई-संचालित ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली इसकी परिचालन दक्षता को कई गुना बढ़ा देंगे।
विजिंजम पोर्ट का सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक लाभ इसकी अवस्थिति है। यह अंतरराष्ट्रीय ईस्ट-वेस्ट शिपिंग रूट से महज 10 नॉटिकल मील की दूरी पर स्थित है, जो इसे कोलंबो, सिंगापुर और दुबई जैसे मौजूदा ट्रांसशिपमेंट हब के एक प्रभावी और प्रतिस्पर्धी विकल्प के रूप में स्थापित करता है। अब तक, भारतीय निर्यातकों और आयातकों को अपने कंटेनरों को लोड और अनलोड करने के लिए इन विदेशी हब पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे समय और लागत दोनों में वृद्धि होती थी।
विजिंजम इस निर्भरता को समाप्त कर देगा और सीधे बड़े जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाएगा।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि विजिंजम पोर्ट के संचालन से भारतीय निर्माताओं की लॉजिस्टिक्स लागत में 30-40% तक की महत्वपूर्ण गिरावट आ सकती है। यह कमी भारतीय निर्यात क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी, जिससे निर्यात में वृद्धि और व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी।
बंदरगाह की वर्तमान हैंडलिंग क्षमता 6 लाख टीईयू कंटेनर है, जिसे 2028 तक 50 लाख टीईयू तक बढ़ाने की योजना है, जो भविष्य में व्यापार की बढ़ती मात्रा को संभालने की इसकी क्षमता को दर्शाता है।
अदाणी समूह ने इस परियोजना में अब तक 4500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और आने वाले वर्षों में 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह निवेश न केवल बंदरगाह की क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा।
अनुमान है कि इस परियोजना से केरल में 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे, साथ ही पर्यटन, मत्स्य उद्योग और सेवा क्षेत्र में भी अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिलेगी।
कुल मिलाकर, विजिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट न केवल भारत की समुद्री शक्ति का एक नया द्वार है, बल्कि यह देश के व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए विकास के नए अवसर खोलेगा। यह आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को वैश्विक व्यापार परिदृश्य में एक मजबूत और स्वतंत्र खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।
[@ सास को दामाद से हुआ इश्क, शादी करती लेकिन...]
[@ संबंध बनाते बुजुर्ग की मौत,सर्जरी से किया अलग ]
[@ यहां होती है चमगादडों की पूजा]