2000 रूपये में बिकती हैं बस्तर की बोध मछलियां
Source : business.khaskhabar.com | Feb 21, 2016 | 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर की प्राणदायिनी नदी इंद्रावती में पाई जाने वाली तथा बस्तर शार्क के नाम से चर्चित बोध मछलियों का इन दिनों जमकर शिकार हो रहा है। सूबे के बस्तर जिले में बीते शुक्रवार को बारसूर बाजार में 7-8 किलो वजनी कई बोध मछलियां बिकने आई। एक-एक मछली दो-दो हजार रूपये में0 बिकी। वहीं छोटी बोध को सौ रूपये प्रति नग की दर से लोगों ने खरीदा।
चित्रकोट-बारसूर इलाके में पाई जाने वाली बोध मछलियां 150 किलो तक की पाई गई है। देश की ब्रrापुत्र व गोदावरी के अलावा बस्तर की इंद्रावती नदी में चित्रकोट जलप्रताप के नीचे से लेकर इंद्रावती-गोदावरी नदी के संगम तक "कैटफिश" नामक मछली पाई जाती है। प्राणि विज्ञानी इसे बोमरियस कहते हैं। बारसूर क्षेत्र के लोग कैटफिश को बोध या बोधुम मछली के नाम से जानते हैं। इस मछली की अधिकता के कारण ही बारसूर के पास साताधार इलाके को बोधघाट कहा जाता है। चित्रकोट-बारसूर इलाके में पाई जाने वाली बोध मछलियां 150 किलो तक की पाई गई हैं।
बीते शुक्रवार को बारसूर बाजार में ग्राम स़डार, कौशलनार के ग्रामीण कई बोध मछलियां लेकर पहुंचे थे। स़डार के मुन्ना ने बताया कि ये मछलियां दोपहर में इंद्रावती नदी में पक़डी गई थीं। करीब आठ किलो वजनी एक बोध मछली दो हजार रूपये प्रति नग की दर से बिकी। वहीं छोटी बोध सौ से चार सौ रूपये तक में बिकी। मांग को देखते हुए स्थानीय मछली विक्रेता बोध को बर्फ में दबाकर रखते हैं और बाहर भी भेजते हैं।
इंद्रावती में दोपहर 12 बजे पक़डी गई बोध मछलियां पानी के बाहर रखने के बावजूद 24 घंटे बाद भी जिंदा थीं। ग्रामीणों ने बताया कि यह जीवट मछली पानी के बाहर भी लंबे समय तक जीवित रहती है। इसके मुंह में चारा डालने पर उसे निगल लेती है। पानी के बाहर लंबे समय तक जीवित रहने के कारण ही इसे जिंदा खरीदने वाले ग्राहक ब़डी संख्या में मिल जाते हैं। (IANS)